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उदयपुर-उदयपुर के ग्रामीण इलाकों में लगातार हो रहे हमलों के बाद अब लेपर्ड का शहर के आस-पास मूवमेंट देखा गया। उदयपुर से 7KM दूर बड़ी गांव में सोमवार सुबह 7 बजे लेपर्ड ने बछड़े का शिकार किया। गाय का दूध निकालने गई महिला के शोर मचाने पर लेपर्ड वहां से भाग गया।
बड़ी ग्राम पंचायत के सरपंच मदन पंडित ने बताया- गांव में देवीलाल चौबीसा का मकान है। उनके यहां बाड़े में मवेशी बंधे थे। सुबह देवीलाल की बहू गाय का दूध निकालने के लिए बाड़े में गई थी।
” जैसे ही महिला बाड़े में गई तो लेपर्ड को देखकर चौंक गई, वह बछड़े का शिकार कर रहा था। यहां खून ही खून बिखरा था। महिला ने शोर मचाया तो दीवार फांद कर लेपर्ड भाग गया। महिला की आवाज सुनकर लोग वहां पहुंचे।
लेपर्ड के पगमार्क नजर आए
सरपंच मदन पंडित ने बताया- लोगों ने लाठियां लेकर लेपर्ड की तलाश की तो मकान के सामने लेपर्ड के पगमार्क भी नजर आए। लोगों ने पुलिस और वन-विभाग को सूचना दी। उन्होंने बताया यहां घनी आबादी है। पास में खेतों पर भी लोगों की आवाजाही रहती है।
क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रवेंद्र सिंह ने बताया-
“ सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लोगों से बातचीत की। आसपास आबादी क्षेत्र होने से लोगों की मांग पर वहां पिंजरा लगाया जाएगा।
6 महीने पहले इसी इलाके में पिंजरे में कैद हुआ था लेपर्ड
सरपंच मदन पंडित ने बताया 6 महीने पहले यहां इसी बाड़े से 100 मीटर दूर लेपर्ड पिंजरे में कैद हुआ था। पिछले साल अगस्त महीने में भी यहां लेपर्ड देखा गया था। जो यहां बछड़े का शिकार करने आया था। जैसे ही ग्रामीणों ने शोर मचाया तो लेपर्ड 12 फीट ऊंची दीवार फांदकर भाग गया था।
झालों का गुड़ा में लेपर्ड को रेस्क्यू किया
वन विभाग की टीम ने नाथद्वारा से पहले झालों का गुड़ा गांव में दोपहर 1 बजे एक लेपर्ड को ट्रैंकुलाइज किया। उदयपुर के क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रमेंद्र सिंह ने बताया- वन विभाग को ग्रामीणों से सूचना मिली थी कि लेपर्ड खेत में घूम रहा है। मौके पर पहुंचे तो मालूम चल कि लेपर्ड बीमार है। उसे उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लेकर आए, जहां उसका उपचार किया गया है।