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जोधपुर-शादी के लिए बेंत की मार खाते युवक और अलग-अलग स्वांग रचकर घूमती महिलाएं-युवतियां… ये नजारा देखने को मिला जोधपुर के प्रसिद्ध थींगा गवर मेले में। इस अनोखे मेले को देखने के लिए पूरे मारवाड़ से लोग जोधपुर पहुंचते हैं। इस उत्सव से जुड़ी अनोखी परंपराएं लोगों को यहां आकर्षित करती हैं।
गवर माता की 16 दिन की पूजा के अंतिम दिन होने वाले इस आयोजन में माता की सवारी निकलती है। इस साल शनिवार की रात को निकली सवारी में अलग-अलग प्रतिमाओं को करीब 6 करोड़ की ज्वेलरी पहनाई गई थी। जोधपुर में यह खास मेला शनिवार रात 10 बजे से रविवार सुबह 4 बजे तक चला। इस दौरान स्थानीय महिलाओं की बाहर से आने वाली युवतियों के साथ धक्का-मुक्की भी हो गई।
व्रत खोलकर होती है मेले की शुरुआत
शनिवार को महिलाओं ने चौथ का व्रत किया। फिर चांद देखने के बाद रात भर मुख्य मेले का आयोजन किया गया। गवर विदाई पर अलग-अलग तरह के स्वांग रचकर महिलाएं गवर प्रतिमाओं के दर्शन के लिए पहुंची। रास्ते में कई जगहों पर इनका स्वागत किया गया। महिलाओं ने गवर माता के दर्शन कर अखंड सौभाग्य और परिवार की खुशहाली की कामना की। लाइव आर्केस्ट्रा पर महिलाओं ने पारंपरिक गीत भी प्रस्तुत किए।
बेंत मारने के लेकर छीना-झपटी भी हुई
शहर के परकोटा इलाके में बेंत मारने को लेकर छीना-झपटी भी हो गई। मेले में शामिल व्रती महिलाओं ने आरोप लगाया कि मेले की छवि खराब करने की कोशिश की गई। कॉलेज के युवक-युवतियां और मनचले इसमें शामिल हो गए। वे न तो व्रत रखते हैं और न ही उनके पास पूजित छड़ी थी। बाहरी लोगों के कारण पवित्र धींगा गवर मेले का नाम बेंत मार मेला हो गया है। हालांकि, बाद में पुलिस ने बीच-बचाव कर महिलाओं-युवतियों से बेंत लेकर रखवा लिया।
जोधपुर के परकोटे में रहने वाली महिलाओं ने बताया- आजकल मेले को लेकर झूठा प्रचार किया जा रहा है। अफवाह फैलाई जा रही है कि मेले में कुंवारा युवक बेंत की मार खा ले तो उसकी शादी जल्दी हो जाती है। लेकिन, असल मान्यता यह है कि जो महिलाएं 16 दिनों तक व्रत रखती हैं और नियमों का पालन करती हैं। वह अनजाने में किसी युवक को छड़ी से मारती हैं कुंवारे युवकों की सगाई हो जाती है।
महिलाओं का आरोप था कि जिन युवतियों ने व्रत नहीं किया।
वह युवतियां भी यहां पर बेंत लेकर आती हैं। ये कॉलेज में पढ़ने वाली युवतियां हैं और जोधपुर की निवासी भी नहीं है। इससे यहां मनचले भी आते हैं। इससे मेले का माहौल खराब होता है। कई बार लड़ाई झगड़े भी हो चुके हैं। महिलाओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन का मेले में पूरी तरह से सपोर्ट नहीं रहा। जिसकी वजह से बाहरी युवतियां और मनचले भी मेले में आ गए।