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जोधपुर जिले के डांगियावास थाना क्षेत्र के सरनाडा गांव में शुक्रवार शाम दर्दनाक हादसा सामने आया। यहां एक मकान में आग लगने से मां-बेटी झुलस गए। घटना में तीन साल की बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल मां ने शनिवार को महात्मा गांधी अस्पताल की बर्न यूनिट में दम तोड़ दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि यह हादसा है, आत्महत्या है या किसी ने जानबूझकर आग लगाई।थानाधिकारी राजेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि शुक्रवार शाम सरनाडा गांव निवासी दिलीप बिश्नोई के मकान से अचानक धुआं निकलता देख ग्रामीण मौके पर पहुंचे। संदेह होने पर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने घर से दिलीप की पत्नी संजू बिश्नोई (32) और बेटी यशस्वी (3) को जली हुई हालत में पाया। जांच करने पर पता चला कि यशस्वी की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। वह जिंदा जल गई थी।बर्न यूनिट में भर्ती कराया
वहीं, गंभीर रूप से झुलसी संजू को तुरंत महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचाया गया। उसे बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसने अंतिम सांस ली। डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर होने के कारण बयान देने के लिए भी अनफिट बताया था। देर रात तक न तो पीहर पक्ष और न ही ससुराल पक्ष की ओर से कोई लिखित शिकायत पुलिस को दी गई।फिटकासनी गांव की रहने वाली थी मृतका
संजू मूल रूप से फिटकासनी गांव की रहने वाली थी और वहां राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में व्याख्याता के पद पर कार्यरत थी। दस साल पहले उसकी शादी सरनाडा निवासी दिलीप बिश्नोई से हुई थी, जो बीटेक सिविल इंजीनियर है और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। इस शादी का रिश्ता आमने-सामने (आटा-साटा) में हुआ था। संजू के भाई की शादी दिलीप की बहन से हुई है।
दिलीप गया हुआ था बाहर
घटना के समय घर पर संजू और उसकी बेटी ही मौजूद थे। दिलीप बाहर गया हुआ था, जबकि सास-ससुर मवेशियों के लिए चारा लेने गए थे। ऐसे में आग लगने की असली वजह अब तक साफ नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह आत्महत्या थी, हादसा था या किसी ने साजिश के तहत आग लगाई।
फिलहाल, संजू और उसकी मासूम बेटी की मौत से गांव में गमगीन माहौल है। ग्रामीण भी इस दर्दनाक घटना के बाद स्तब्ध हैं। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच जारी है।
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