
PALI SIROHI ONLINE
पाली-पाली जोधपुर से मारवाड़ जंक्शन के बीच 101 किमी में ट्रैक अपग्रेडेशन लगभग पूरा हो गया है। उच्च गुणवत्ता वाली पटरियों को लगा कर कंप्लीट रिन्यू करने में एक साल 9 महीने का समय लगा। इस पर रेलवे ने 150 करोड़ रुपए खर्च किए। ट्रैक पर 1.16 लाख नए स्लीपर्स और 70 हजार नई पटरियां लगाई गई हैं।
डीआरएम अनुराग त्रिपाठी का कहना है कि डी मार्क की पटरियों को बदला गया है। नई पटरियों पर ट्रेनें जल्द ही 130 की स्पीड में दौड़ सकेगी। इससे 40 मिनट का समय बचेगा। ट्रैक फैचिंग यानी ट्रैक के दोनों तरफ जालियां लगाई जा रही हैं ताकि ट्रैक पर मवेशी नहीं आए। यह काम भी लूणी जंक्शन के आगे तक पहुंच गया है। काम पूरा होने के बाद इसी ट्रैक पर जब ट्रेनें 130 की स्पीड पकड़ेगी। तब ये दूरी एक घंटे 5 मिनट में ही पूरी हो जाएगी। 8 अगस्त 2021 को काम शुरू हुआ था, जिसमें 4,706 नए पोल और 5.63 लाख मीटर वायरिंग बिछाई गई। इस पर करीब 637 करोड़ खर्च हुए। डेढ़ साल में जोधपुर से मारवाड़ जंक्शन के बीच पूरी लाइन इलेक्ट्रिक होने के बाद रेलवे ने सीटीआर (कंप्लीट ट्रैक रिनुअल) का कार्य शुरू किया। यह काम भी तीन चरणों में 23 जून तक पूरा हुआ। जिसमें पहले जोधपुर से लूणी, दूसरे चरण में लूणी से पाली मारवाड़ और तीसरे चरण में मारवाड़ जंक्शन के बीच काम पूरा किया गया।
4 साल में ऐसे अपग्रेड होता गया पूरा रेलवे ट्रैक 1997 में पहली बार बदला था ट्रैक वर्ष 1997 में पहली बार जोधपुर से मारवाड़ जंक्शन के बीच 101 किमी के ट्रैक को मारवाड़ जंक्शन से जोधपुर के बीच सीटीआर किया गया था। इसे डीजल इंजन के अनुरूप तैयार किया गया था। जिस पर ट्रेनें 90 से 100 की स्पीड में ही दौड़ सकती थी। वर्ष 2021 में इलेक्ट्रिक लाइन के अनुसार इस ट्रैक को तैयार करने का काम शुरू किया, जो 23 जून तक काम पूरा हो गया है।


