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15 दिनों में जाला मीणा स्मारक एवं पेनोरमा के लिए सर्कल आवंटित नहीं तो होगा आंदोलन:- मीणा समाज
जालोर | मीणा समाज के लोगों ने जाला मीणा का स्मारक व पेनोरना के लिए जालोर शहर में सार्वजनिक सर्कल आवंटित करने कि मांग पर पूर्व में जिला कलेक्टर कार्यालय में दिए गए ज्ञापन पर कार्यवाई नहीं होने दूबारा जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के गवांडे को ज्ञापन सौपा
बताया की प्राचीनकाल में प्राचीनकाल में श्री जालंदर नाथजी जालोर पधारे उस समय शहर नहीं था और न ही राजा। कनकगिरि के पास कलशाचल फिर उन्हें तपस्या के लिए उत्तम स्थान लगा जहाँ उन्होंने अनेक वर्ष तपस्या में व्यतीत किये – फिर वहाँ एक दिन ‘रंक को राव बनाने वाले’ श्री जलंधरनाथ जी को जाला मीणा मिला। इस पर श्री जालंदर नाथजी ने उसे आर्शीवाद प्रदान कर नगर बसाने की आज्ञा दी कनकगिरि व कनकाचन पहाडी के बिच में जाला मीणा ने नाथ संप्रदाय के गुरू श्री जालंदर नाथ के आर्शीवाद से जाला मीणा ने “जालप नगर” बचाया था। इस नगर के मीणा अपनी बहादुरी के लिए प्रसिद्ध थे वे अपने जालप नगर पर स्वतंत्र शासन करते थे। जालप नगर का मुख्या जाला मीणा बहादुर व लडाकू योध्दा था। जाला मीणा ने जालप नगर (आधुनिक जालोर) पर बहारी आक्रमण कारियों से रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। सोनगरा चौहान वंश के शासकों ने मीणा सरदारों को परास्त कर जालप नगर (आधुनिक जालोर) पर अपना आधिपत्य स्थापित किया था। जालोर संस्थापक जाला मीणा व्दारा दिए गए जालप नगर (आधुनिक जालोर) में त्याग, बहादुरी, समामहित के कार्यों को भुलाना कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। जाला मीणा को इतिहासकारों ने पक्षपात एवं जातिय भेदभाव के चलते इतिहास के पन्ने में होने के बावजूद भी कभी उनका वर्तमान इतिहासकारों ने इतिहास के पन्नों से दूर रखा उनका स्पष्ट वर्णन नहीं किया। यह हमारे लिए यह दुर्भाग्य हैं।
● जाला नगर के पुराने खण्डहरो के अवशेष करीब दो किलोमीटर के क्षेत्र में कनकगिरि व कनकाचन पहाडी के बिच में आज भी देखने को मिलते हैं।
शहर में सार्वजनिक सर्कल कि मांग पर पूर्व में जिला कलेक्टर कार्यालय में दिए गए ज्ञापन में ठोस आश्वासन नहीं मिलने सें मीणा समाज आक्रोशित हैं। 15 दिनों के अंदर जालोर शहर में जाला मीणा स्मारक व पेनोरमा के लिए सार्वजनिक सर्कल आवंटित नहीं किया गया तो जालोर शहर में आदोलन कि चेतावती दी।
इस मौके पर मदन मीणा जालोर, रूपाराम मीणा, रोहित मीणा, हिम्मत मीणा, बाबूलाल मीणा, दिनेश मीणा, प्रवीण मीणा, वेल्लाराम जालोर आदि मौजूद रहें।