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जालोर-राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने सीएम भजनलाल और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत को पत्र लिखकर जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की मांग की है। साथ ही जवाई बांध (पाली) से पानी जोधपुर पहुंचाने की प्रस्तावित योजना को जालोर के लिए कुठाराघात बताया
गर्ग ने जवाई पुनर्भरण योजना और जालोर जिले के हितों को लेकर लिखे पत्र में बताया- जवाई बांध से नहर के जरिए पानी को जोधपुर तक ले जाने की प्रस्तावित योजना जालोर के लोगों के हितों पर कुठाराघात होगा।
उन्होंने लिखा- जवाई बांध के जल का न्यूनतम 25 प्रतिशत हिस्सा जवाई नदी में समय-समय पर छोड़ने का प्रावधान किया जाए। जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की कार्ययोजना बनाई जाए।
गर्ग ने पत्र के जरिए परिवर्तित बजट 2024-25 में बिन्दु संख्या-113-1-3 में किए गए प्रावधान एवं माही बांध के पानी को जालोर तक पहुंचाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की तारीफ की। परिवर्तित
साथ ही उन्होंने लिखा- बजट 2024-25 के बिन्दु संख्या-113-1-4 में कहा गया है कि जवाई बांध से जोधपुर शहर तक जाने वाली 194 किमी लंबी क्षतिग्रस्त फीडर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इससे जालोर जिले के आमजन में भारी आशंका और रोष है।
उन्होंने लिखा- जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान का मानव निर्मित सबसे बड़ा बांध है। इस बाध के बनने से पहले जवाई नदी में साल भर पानी बहता था। इससे जालोर जिले का भू-जल स्तर बहुत अच्छा रहता था।
बांध बनने के बाद जवाई नदी सालभर सूखी रहने लगी। परिणामस्वरूप सुमेरपुर, आहोर, जालोर, बागोड़ा, भीनमाल एवं चितलवाना तहसील क्षेत्रों में भू-जल स्तर गिरा और खेती पर बुरा प्रभाव पड़ा। केन्द्रीय भू-जल प्राधिकरण ने जालोर जिले को डार्क जोन घोषित किया है।
पिछले 70 साल में सिर्फ 8 बार जवाई बांध के गेट खोले गए हैं। आठों बार जालोर में बाढ़ के हालात पैदा हुए।
गृहमंत्री अमित शाह ने विधानसभा चुनाव-2023 के दौरान चुनावी सभा के दौरान जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की घोषणा की थी। लोकसभा आम चुनाव-2024 में जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र की चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने बांध का पुनर्भरण कर जवाई नदी को पुनर्जीवित करने की घोषणा की थी।
उन्होंने लिखा- जालोर के लोगों में यह आशंका हैं कि जवाई बांध से पानी नहर के जरिए जोधपुर शहर पहुंचाने से जालोर जिला बांध के पानी से पूरी तरह वंचित हो जाएगा। इससे इस कृषि प्रधान जिले की अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो जाएगी।
उन्होंने मांग की- जवाई पुनर्भरण योजना को अन्तिम रूप दिया जाए। जवाई नदी को पुनर्जीवित किया जाए। जालोर इलाके के भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए खास प्रयास किए जाएं।
पत्र में सुझाव देते हुए उन्होंने लिखा- राज्य की जल नीति-2010 को संशोधित किया जाए। जिस तरह हर बांध परियोजना में पेयजल और सिंचाई के लिए जल का हिस्सा पूर्व निर्धारित रहता है। उसी तरह यह प्रावधान किया जाए कि जिस नदी पर बांध बना है, उस नदी में नियमित रूप से डाउन स्ट्रीम में पानी छोड़ा जाए।
जवाई बांध के जल का न्यूनतम 25 प्रतिशत हिस्सा जवाई नदी में समय-समय पर छोड़ा जाए ताकि नदी दोबारा जीवित हो सके। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाए।