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जालोर-25 साल के भगवत सिंह की आंध्र प्रदेश में डूबने से मौत हो गई। सालभर पहले उसकी शादी हुई थी। पत्नी रेखा कंवर 6 महीने की प्रेग्नेंट है। आज यानी 11 जुलाई (शुक्रवार) को रेखा की गोद भराई की रस्म होने वाली थी। लेकिन खुशियों की जगह दो परिवारों में मातम पसर गया। गुरुवार शाम भगवत का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था।
भगवत सिंह पुत्र प्रताप सिंह जालोर के आहोर थाना इलाके के देवकी गांव का रहने वाला था। 5 साल से वह आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के कल्याण दुर्गम में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान पर काम कर रहा था। पिछले साल उसकी शादी हुई थी। शादी के 2 महीने बाद ही भगवत काम पर लौट गया था। पत्नी रेखा कंवर 6 महीने की प्रेग्नेंट है। कुछ दिन से वह अपने पीहर दयालपुरा (जालोर) थी
मौत से एक दिन पहले पत्नी को गोद भराई के मुहूर्त के लिए बुलाया था
सोमवार 7 जुलाई को भगवत के परिवार ने ससुराल (देवकी गांव) बुलाया। परिवार गोद भराई का रस्म करने वाला था। शुक्रवार 11 जुलाई का मुहूर्त निकला था। सोमवार को ही बहू रेखा कंवर के लिए ससुराल वालों ने नए कपड़े सिलाने के लिए दर्जी को दिए थे। परिवार में खुशियां थी। इसके अगले ही दिन सूचना मिली कि भगवत सिंह की आंध्र प्रदेश में डूबने से मौत हो गई। परिवार में हाहाकार मच गया।
भगवत सिंह के पिता प्रताप सिंह मुंबई में रहकर कपड़ों की दुकान पर काम करते हैं। भगवत 3 बहनों उर्मिला, खुशबू और कोमल का इकलौता भाई था। गुरुवार शाम 6 बजे उसका शव आंध्र प्रदेश से जालोर पहुंचा तो पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। एंलुबेंस गांव की गलियों से गुजरी तो हर किसी की आंखें नम हो गई। घर के सामने शव पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। गुरुवार शाम 7 बजे अंतिम संस्कार हुआ।
भगवत का पैर फिसला, बचाने कूदा दोस्त भी डूबा
मंगलवार (8 जुलाई) को आंध्र प्रदेश में पणडगरा त्योहार की आधे दिन की छुट्टी थी। भगवत की इलेक्टॉनिक शॉप पर भी आधे दिन बाद छुट्टी कर दी गई। वहीं उसका दोस्त जालाराम देवासी (22) पुत्र अमराराम भी अपने जीजा की हार्डवेयर की दुकान पर काम करता था। दोनों की दुकानें पास-पास थी। इसलिए दोनों अच्छे दोस्त थे। भगवत और जालाराम को आधे दिन की छुट्टी मिली तो उन्होंने तीसरे साथी गागावाड़ा (जालोर) निवासी सुरेश पुत्र गोवाराम को भी बुला लिया और घूमने-फिरने का प्लान बना लिया।
मंगलवार शाम 4 बजे भगवत सिंह के एक क्लाइंट के खेत पर तीनों पपीते खाने चले गए। वहां पपीते खाने के बाद फार्म पोंड में हाथ धोने उतरे भगवत सिंह का पैर फिसल गया। वह डूबने लगा। उसे डूबता देख जालाराम उसे बचाने पानी में उतर गया। दोनों दोस्त डूबने लगे। यह देख सुरेश चिल्लाते हुए मदद के लिए दौड़ा। जब तक लोग वहां पहुंचते भगवत और जालाराम डूब चुके थे। डेढ़ घंटे बाद दोनों का शव निकाला जा सका।
अनंतपुर पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। बुधवार 9 जुलाई को को दोनों शवों को जालोर के लिए रवाना किया। गुरुवार शाम 6 बजे शव जालोर पहुंचे।
20 दिन पहले जालोर आया था जालाराम
जालाराम जालोर के रामसीन थाना क्षेत्र के सुमेरगढ़ खेड़ा गांव का रहने वाला था। 3 भाइयों में वह सबसे छोटा था। वह डेढ़ साल से अपने जीजा की हार्डवेयर की दुकान पर आंध्र प्रदेश में काम कर रहा था। उसके पिता अमराराम और दोनों भाई हरियाणा में पशुपालन का काम करते हैं।
20 दिन पहले ही जालाराम जालोर आया था। वह दो दिन रुककर आंध्र प्रदेश लौट गया था। इस दौरान परिवार के लोगों ने कहा था कि वहां जम रहा है तो ठीक है, वरना हरियाणा आकर पशुपालन का काम संभाल ले। कुछ और करना है तो परिवार उसमें भी मदद करेगा। लेकिन उसे आंध्र प्रदेश की नौकरी ही रास आ रही


