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जयपुर-जवाहर नगर थाने में युवक के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाली दो युवतियों व उनके दो साथियों के खिलाफ अब मानहानि, एक्सटॉर्शन, ट्रेस पासिंग और मानसिक संताप के मामले में ट्रायल चलेगा। जयपुर महानगर प्रथम की अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-8 अदालत ने भावना सुगंधा, शिप्रा जैन, अमित भगत और वीरेन्द्र चौधरी के खिलाफ प्रसंज्ञान लेकर उन्हें 13 मई को अदालत में तलब किया है।
दरअसल कोर्ट ने यह प्रसंज्ञान बीएनआई जयपुर के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अक्षय गोयल के परिवाद पर सुनवाई करने के बाद लिया हैं। अक्षय गोयल ने उनके खिलाफ जवाहर नगर थाने में छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराने वाली दो युवतियों और उनके दो परिचित युवकों के खिलाफ दायर किया था।
युवतियों ने कराया था छेड़छाड़ का मुकदमा
दरअसल भावना सुगंधा और शिप्रा जैन ने 3 जनवरी को जवाहर सर्किल थाने में अक्षय गोयल के खिलाफ मामला दर्ज करवाकर कहा था कि अक्षय गोयल ने शराब के नशे में उनके साथ छेड़छाड़ की। शिकायत में कहा गया था कि बीएनआई जयपुर की स्पोर्ट्स मीट 28 दिसम्बर 2023 को जयपुर के एक बार एवं लाउंज में रखी गई थी। जहां कंपनी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर ने शराब के नशे में दोनों के साथ अश्लील हरकत करते हुए छेड़छाड़ की।
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वहीं अक्षय गोयल ने अदालत में दायर परिवाद में कहा कि भावना सुगंधा संस्था में बिजनेस कंसलटेंट और शिप्रा जैन बिजनस लोन सलाहकार के पद पर कार्यरत थी। दोनों का कार्य संतुष्टिपूर्वक नहीं होने पर सुगंधा को नवम्बर और शिप्रा को अक्टूबर 2023 में इनके पद से हटा दिया था। लेकिन दोनों संस्था में सदस्य बनी रही। ऐसे में दिसम्बर में आयोजित हुई कंपनी की स्पोर्ट्स मीट में दोनों भी मौजूद थी। दोनों ने पार्टी के अगले दिन बीएनआई सदस्यों के वाट्सएप्प ग्रुप पर परिवादी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया।
वहीं परिवादी को ब्लैकमेल करने की नीयत से 2 जनवरी को उसके ऑफिस में जबरन घुसी। उनके साथ उनके दो अन्य सहयोगी अमित भगत और वीरेन्द्र चौधरी भी थे। सभी ने मिलकर परिवादी पर दवाब बनाया कि वह दोनों युवतियों को उनके पद पर वापस ले। वही मामलें को यहीं खत्म करने के लिए 20 लाख रुपए की मांग भी की। जब परिवादी ने ऐसा करने से मना कर दिया तो उसके खिलाफ 3 जनवरी को जवाहर सर्किल थाने में मुकदमा दर्ज करवा दिया।
पुलिस ने मामले में लगाई एफआर
वहीं दूसरी तरफ जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने युवतियों की ओर से दर्ज करवाए गए मामलें में जांच करने के बाद मामलें को झूठा पाया। वहीं उस पर एफआर भी लगा दी। पुलिस ने अपनी एफआर रिपोर्ट में लिखा कि पार्टी के सीसीटीवी फुटेज को देखने के बाद कहीं भी ऐसा नहीं लगता है कि आरोपी अक्षय गोयल ने शराब के नशे में छेड़छाड़ की हो। पुलिस ने रिपोर्ट में माना कि दोनों युवतियों द्वारा लगाए गए आरोप झूठे पाए गए हैं।