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भीनमाल-होली के दूसरे दिन जहां देशभर में धुलंडी पर्व मनाया गया वही शहर में ऐतिहासिक घोटा गैर खेली गई। शहर के बड़े चौहटे पर वर्षों से चली आ रही घोटा गैर खेलने की परंपरा के तहत शाम को 5 बजे घोटा गैर का आयोजन हुआ। जिसमें बाबैया ढोल जैसे ही बजने लगा तो युवाओं के कदम गैर में खेलने के लिए थिरकने लगे।.
वर्षों से चली आ रही परंपरा
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पुराने समय से चली आ रही परंपरा के अनुसार सोमवार को भी घोटा गैर सर्वप्रथम चण्डीनाथ महादेव मंदिर से प्रारंभ होकर सात निंबड़ी, खारी रोड, देतरियों का चौहटा, गणेश चौक होते हुए बड़ा चौहटा पहुंची। वर्षों पूर्व भी यही क्रम चलता था। इससे पूर्व दिनभर विभिन्न जातियों, मौजिज, गणमान्य लोगों के यहां ढोल ले जाकर करबा पीने की रस्म निभाई गई। चंडीनाथ महादेव मंदिर से जैसे ही ढोल निकला तो खारी रोड पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही। शहर के बड़े चौहटे पर पुलिस उप अधीक्षक अन्नराजसिंह राजपुरोहित, पुलिस निरीक्षक बाबूलाल जांगिड़ के नेतृत्व में पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।