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चौमूं। सात फेरे लेकर सात जन्मों तक साथ रहने का वादा करने वाली लुटेरी दुल्हनें सात दिन भी नहीं रुक रही हैं। शादी की मेहंदी उतरने से पहले ही ये दुल्हनें नकदी-जेवर लेकर रफूचक्कर हो रही हैं। इसमें भरतपुर, यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल के गिरोह सक्रिय हैं।
गिरोह में दुल्हनों के अलावा अन्य महिलाओं को भी रखा जाता है, जिससे उम्रदराज कुंवारों को आसानी से फंसाया जा सके। गिरोह से जुड़े लोगों का पूरा नेटवर्क विवाह के नाम पर लोगों को फंसाने का काम करता है। ऐसे मामलों की पड़ताल में सामने आया कि लुटेरी दुल्हनों ने करीब डेढ़-दो साल में ही 50 लाख से अधिक की ठगी कर ली। अंचल के चौमूं, शाहपुरा, कोटखावदा, कोटपूतली, सामोद और गोविंदगढ़ में भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
शादी का झांसा, साढ़े सात लाख की ठगी
अगस्त 2024 : चौमूं पुलिस ने शादी का झांसा देकर कुंवारों से ठगी करने वाले गिरोह को पकड़ा। इसमें एक जने को रिश्तेदार के दो बेटों की शादी करवाने की बात कहकर दो लड़कियां नदबई (भरतपुर) में दिखाई और शादी की तैयारी सहित अन्य खर्चें के साढ़े सात लाख रुपए ले लिए।
सफाई की रस्म के नाम पर लूट ले गए
अगस्त 2024 : गोविंदगढ़ पुलिस ने लुटेरी दुल्हन और उसके माता-पिता को गिरफ्तार किया था। निन्दोला निवासी एक जने ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 15 जुलाई को यूपी के दलाल ने 5 लाख लेकर शादी करवाई थी। 20 जुलाई को दुल्हन का पिता घर आया और कहा कि हमारे रिवाज है कि शादी के बाद बेटी के ससुराल में सफाई करवाते हैं। सफाई के बहाने घर से 50 हजार निकाल ले गए।
शादी का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी
जुलाई 2024: कोटखावदा पुलिस ने शादी का झांसा देकर एक परिवार से लाखों रुपए की ठगी करने के आरोप में महिला को गिरफ्तार किया था। दूल्हों के पिता ने 19 सितंबर 2022 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके बेटों को शादी की रस्म अदायगी व अन्य बातों का झांसा देकर 25 लाख की ठगी की गई। पुलिस ने दुल्हनों को गिरफ्तार किया था।