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चित्तौड़गढ़। यदि कोई यह कहे कि मृत व्यक्ति ने बैंक से ऋण लेकर ट्रेक्टर और मोटरसाइकिल खरीद ली तो किसी को भी यकीन नहीं होता। इसी तरह का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें ई-मित्र संचालक ने मृत व्यक्ति के नाम पर फर्जीवाड़ा कर ऋण और बीमा राशि उठा ली। मृतक की पत्नी की रिपोर्ट के बाद न्यायालय के आदेश पर कपासन थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है।
कपासन थानान्तर्गत जूना कीर खेड़ा निवासी सुमित्रा कीर ने न्यायालय में इस्तागासा पेश कर बताया कि उसके पति रतनलाल कीर की 23 जनवरी 2023 को मृत्यु हो गई। तभी गांव के ही मदनलाल पुत्र जगदीश कीर, पिंटू पुत्र रामेश्वरलाल, दलीचंद पुत्र जगदीश ने कुछ कागजों पर अंगूठा निशानी लगा ली। आरोपी पिंटू कीर रोलिया गांव में ई मित्र संचालक है और बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक की हथियाना शाखा की आईडी ले रखी है।
पिंटू ने बैंक प्रबंधक से मिलीभगत कर मृतक के नाम से प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा करवा लिया। बीमा के बाद पिंटू व मदनलाल ने मृतक के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए और बैंक से ऋण लेकर ट्रेक्टर व मोटरसाइकिल खरीद ली। आरोपियों ने ग्राम विकास अधिकारी रूपा खेड़ी से मिलीभगत कर रतनलाल की मृत्यु के छह माह बाद 10 जुलाई 2023 को रतनलाल फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया।
मृतक के नाम से करवाए गए बीमा में मदनलाल को नॉमिनी बनाकर क्लेम के दो लाख रुपए प्राप्त कर लिए। रतन लाल के के मृत्यु प्रमाण पत्र से ट्रेक्टर व मोटरसाइकिल की ऋण राशि जमा नहीं करानी पड़ी। इस बीच पिंटू ने दोनों वाहन अपने नाम पर ट्रांसफर करा लिए। रिपोर्ट के अनुसार मृतक रतनलाल के आधार कार्ड एवं जन आधार कार्ड में मदनलाल के मोबाइल नंबर फीड करवा दिए गए ताकि, मृतक की पत्नी सुमित्रा को ओटीपी आने का पता नहीं चल पाए।
इस तरह आरोपियों ने षडयंत्र पूर्वक पन्द्रह लाख रुपए का लाभ उठा लिया। न्यायालय के आदेश पर कपासन थाना पुलिस ने संबंधित बैंक प्रबंधक व ग्राम विकास अधिकारी सहित सभी आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है।