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भरतपुर-भरतपुर जिले के भुसावर इलाके में शादी के बाद पति ने मजदूरी कर पत्नी का पढ़ाया और इस मुकाम तक पहुंचाया कि अब वह सरकारी शिक्षक बन गई है। लेकिन पत्नी से उसे उपकार के बदले दुत्कार दिया। अब मामला अपर जिला न्यायाधीश तक पहुंचा है। साथ ही जिला कलक्टर से भी गुहार लगाई गई है।
जिला कलक्टर को दिए परिवाद में पीड़ित अनूप कुमार पुत्र मोतीलाल जाटव ने बताया है कि वर्ष 2021 में उसका विवाह नगला हवेली निवासी युवती के साथ बिना दान दहेज के साधारण तरीके से हुआ था। शादी के बाद पत्नी को मजदूरी करके पढ़ाया और कोचिंग समेत अन्य खर्चे उठाए। वर्ष 2023 में पत्नी के शिक्षिका बनने के बाद उसके व्यवहार में बदलाव आ गया। माता-पिता के साथ अभद्रता करने लगी। उसे अच्छा वेतन मिल रहा है और ट्यूशन से भी अच्छी आमदनी कर लेती है।दो मई 2025 को पत्नी ने उसके साथ रहने से इंकार कर दिया। साथ ही पढ़ाई-लिखाई और कोचिंग के अलावा अन्य खर्चों में सहयोग करने से भी इंकार कर दिया।
दस्तावेज सत्यापन में बताया अविवाहित
परिवादी ने शिकायत पत्र में कहा है कि उसकी पत्नी वर्तमान में रूपवास तहसील के ही एक सरकारी स्कूल में कार्यरत है। उसकी पत्नी ने रीट 2023 एल-1 की भर्ती में अंतिम परिणाम में सफलता के बाद शिक्षा विभाग की ओर से संबंधित भर्ती में दस्तावेजों के सत्यापन के समय तथ्यों को छिपाकर अविवाहिता के दस्तावेज संलग्र कर दिए। ऐसे में प्रकरण की जांच करवाई जाए।
नाबालिग थी, तब करा दी थी शादी
पत्नी पंकज कुमारी ने बताया कि बालिग होने के बाद मेरी कोई शादी उससे नहीं हुई है। मेरा बाल विवाह किया गया था। जब मैं नाबालिग थी, तब मेरी शादी हुई थी। मुझे तो याद भी नहीं है। मेरे दस्तावेज चोरी कर फर्जी विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र बनवा लिया।
वरमाला या रस्म अदायगी!
वरमाला हिंदू विवाह का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो दूल्हा-दुल्हन के बीच स्वीकृति और समान का प्रतीक है। जो उनके नए जीवन की शुरुआत दर्शाता है। लेकिन विवाह की इस तस्वीर में शायद वरमाला सिर्फ रस्म अदायगी ही थी। पत्नी का कहना है कि उनका बाल विवाह हुआ और व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेज से विवाह पंजीयन कराया। सरकारी नौकरी प्राप्त कर चुकी पत्नी विवाह को नकार रही है, जबकि पति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।



