
PALI SIROHI ONLINE
जालोर। भीनमाल पंचायत समिति के एक एलडीसी ने अपने पद का दुरुपयोग कर अपनी पत्नी के नाम फर्म बना 7.12 करोड़ के 9 टेंडर प्राप्त कर लिए। जिसको विभाग ने कार्यवाही करते हुए एपीओ कर दिया।
बता दें कि एलडीसी उदाराम देवासी फिलहाल भीनमाल पंचायत समिति में कार्यरत है। इससे पहले जसवंतपुरा पंचायत समिति में रहते उसने करीब 14 टेंडर प्रक्रियाओं में भाग लिया। इसके लिए उसने अपनी पत्नी मोहरा देवासी की प्रोपराइटर-शिप में एकता कंस्ट्रक्शन नाम से फर्म बनाई। उसने इस फर्म के नाम से पिछले 3 वित्तीय वर्षों में वार्षिक मेटेरियल सप्लाई के 14 निविदा प्रक्रियाओं में भाग लिया। इन 14 निविदाओं में उसने 10 करोड़ 54 लाख रुपए के टेंडर भरे। इनमें से उसे 7.12 करोड़ के 9 टेंडर मिले। ये सभी टेंडर उसकी ही पंचायत समिति क्षेत्र के थे। जिसमें जालोर जिला परिषद सीईओ नंदकिशोर राजोरा के द्वारा शुक्रवार को एपीओ किया गया हैं।
जालोर जिला कलेक्टर डॉ प्रदीप के गवांडे ने बताया कि पत्नी के नाम से फर्म बनाकर टेंडर लेने वाले एलडीसी को एपीओ कर दिया हैं। टेंडर को लेकर अभी जांच की जा रही हैं। जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दो बार रिटेंडर भी करवा दिए
जुलाई 2023 में तवाव में मेटेरियल सप्लाई की निविदा प्रक्रिया में कुल 5 बिड प्राप्त हुई। इसमें उसकी फर्म को टेंडर मिलने की उम्मीद कम थी, तो इसे कैंसिल कर दिया। अगस्त 2023 में दुबारा रिटेंडर प्रक्रिया अपनाई और खुद की फर्म के नाम से टेंडर प्राप्त किया। इसी तरह तातोल ग्राम पंचायत में भी जुलाई 2024 में निविदा प्रक्रिया में 2 बिड प्राप्त हुई। इसे निविदा प्रक्रिया को रद्द कर दिया। बाद में इसे 10 अगस्त को फिर से टेंडर कर खुद की एकता कंस्ट्रक्शन के नाम से टेंडर लिया।
कहां-कहां कितनी राशि के टेंडर प्राप्त किए
वर्ष 2022-23 दांतलावास, मुडतरासिली व मांडोली ग्राम पंचायत में 80-80 लाख के टेंडर प्राप्त किए। वर्ष 2023-24: तवाव, धूर, मुडतरासिली ग्राम पंचायत में 80-80 लाख के टेंडर प्राप्त किए और मांडोली ग्राम पंचायत में 1 करोड़ का टेंडर प्राप्त किए।
वर्ष 2024-25 में तातोल ग्राम पंचायत में 80 लाख और मुडतरासिली में 52 लाख रुपए के टेंडर प्राप्त किए। इसके अलावा इसी फर्म में वर्ष 2022-23 में थूर ग्राम पंचायत, 2023-24 में दांतलावास और 2024-25 में मांडोली व सोमता ग्राम पंचायत में निविदा प्रक्रियाओं में भाग लिया, लेकिन सफल नहीं हुई।
क्या है नियमः नजदीकी रिश्तेदार प्रक्रिया में भाग लेने अनुमत नहीं, शपथ पत्र भी लेते हैं
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के 21 सितंबर 2012 को जारी परिपत्र 2069 के बिंदु-11 के अनुसार ठेकेदार जो इंजीनियरिंग, लेखा, प्रशासनिक, मंत्रालयिक व लोकसेवकों के नजदीकी रिश्तेदार (पत्नी, पति, माता-पिता, दादा-दादी, पुत्र-पुत्री, सगे व चचेरे भाई बहन और चाचा-चाची व तत्समान ससुराल के संबंधी) होने पर निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अनुमत नहीं किया जाएगा। इसके अलावा निविदा शर्तों में भी यह स्पष्ट था कि संवेदक का कोई भी परिजन या रिश्तेदार संबंधित ग्राम पंचायत, पंचायत समिति या जिला परिषद में पदस्थापित होने पर निविदा में भाग लेने पर प्रतिबंध रहेगा। इसका शपथ पत्र भी लिया जाता है।

नरेगा की टेंडर प्रक्रिया में ऐसा नियम नहीं है। मैं क्रय कमेटी में नहीं था और में इस प्रक्रिया से भी जुड़ा हुआ नहीं था। मेरी पत्नी का व्यवसाय है, उन्होंने जसवंतपुरा के अलावा अन्य पंचायत समितियों में भी टेंडर भरे हैं।
उदाराम देवासी, एलडीसी, पंचायत समिति, भीनमाल


