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खीमाराम मेवाडा
मोरा भाईजी सुंदडली लेने आवो घरे,मोरा भाईजी सुंदडली ओडेय पेली पार, समदरीयो हिलोरा खाय
बलाना गांव में 55 साल बाद समुद्र हिलोर ने की रस्म निभाते हुए 1251 महिलाओं ने समुद्र मंथन का दिया ऐतिहासिक रूप, उमड़ा जनसैलाब
तखतगढ 29 अगस्त;(खीमाराम मेवाडा) सुमेरपुर उपखंड क्षेत्र के बलाना गांव में 55 वर्षों बाद ऐतिहासिक रूप से तालाब पूजन के साथ समुद्र हिलोर ने की रसमलाई निभाई है। शुक्रवार को आयोजित इस अनोखे समुद्र मंथन कार्यक्रम में हजारों की संख्या में ग्रामीण, महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार राजस्थानी वेशभूषा में शामिल हुए। शुक्रवार को सर्वप्रथम समुद्र मंथन आयोजन को लेकर भरतसिंह राठौर की धर्मपत्नी सुरेंद्रा कंवर सहित विभिन्न ने जातियों की महिलाओं एवं पाली जालौर सिरोही जिले के अपने-अपने रिश्तेदारों सहित स्थानीय सैकड़ो की तादात में 36 कॉम लोगो के साथ ढोल थाली की झनकारो के साथ तालाब पर पहुंचे जहां पवित्र सरोवर की परिक्रमा के बाद सर्वप्रथम भरतसिंह राठौर के सानिध्य में पंडित गौरीशंकर एवं छगनलाल ने विधिवत मंत्रोच्चार के साथ तालाब का पूजन करवाया गया। और भरतसिंह राठौर की धर्मपत्नी सुरेंद्रा कंवर भाई बहनों द्वारा तालाब पूजन कर परंपरा के अनुसार समुद्र मंथन का आगाज किया।
भाई-बहन की अनोखी रस्म
कार्यक्रम के दौरान एक ऐतिहासिक रूप में अनूठी रस्म निभाई गई, जिसमें भाई बहन द्वारा तालाब में खड़े रहकर मटकी में श्रीफल एवं पुष्प रख समुद्र हिलोर ने की रस्म के साथ भाई ने बहन को चुनरी उड़ाकर तालाब का जल पिलाया। इसके बाद विभिन्न समाजों की महिलाओं ने अलग-अलग घाटों पर पहुंच कर अपने-अपने भाइयों के साथ समुद्र मंथन की रस्म निभाई। ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 1251 महिलाओं ने समुद्र मंथन में हिस्सा लिया। जो इतिहास में सबसे बड़ा समुद्र मंथन भी कहा जा सकता है। इस भव्य आयोजन पूरे गांव में लाखों की तादात में लक्की मेले जैसा माहौल रहा। गलियों और तालाब किनारे जन सैलाब उम्डता गय। पूरे गांव में विभिन्न समाजों की ओर से महाप्रसादी का भी आयोजन रखा गया।
मोरा भाईजी सुंदडली लेने आवो घरे,मोरा भाईजी सुंदडली ओडेय पेली पार, समदरीयो हिलोरा खाय
शुक्रवार को बलाना में हुए 55 साल बाद भाव समुद्र मंथन को लेकर हर घर की महिलाएं एवं युक्त ने उत्साह और उमंग के साथ तालाब पूजन के: मोरा भाईजी सुंदडली लेने आवो घरे,मोरा भाईजी सुंदडली ओडेय पेली पार, समदरीयो हिलोरा खाय जैसे एक से बढ़कर एक मंगल गीतों की धूम मचा रही थी । एसे कार्यक्रम अक्सर जल, खुशहाली और समृद्धि से जुड़े प्रतीक होते हैं।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
बलाना में 55 साल बाद ऐतिहासिक समुद्र मंथन के मद्देनजर थाना के सर्किल इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार आचार्य के नेतृत्व में तखतगढ़, सांडेराव और सुमेरपुर पुलिस का जाब्ता तैनात रहा। साथ ही तखतगढ़ नगर पालिका सफाई निरीक्षक मुकेश माली के सानिध्य में नाव एवं तैराको की टीम मौजूद रही
जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
कार्यक्रम में स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत एवं सुमेरपुर विधायक प्रत्याशी एवं पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा सहित कांग्रेस नेताओं ने भी शिरकत कर ग्रामीणों के साथ इस ऐतिहासिक परंपरा को संजोया।
3 महीना पूर्व महिलाएं करती है श्रमदान
किसी भी गांव में समुद्र मंथन का आयोजन तय किया जाता है तब 3 महीना पूर्व समुद्र मंथन को लेकर हर गांव में महिलाएं सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार सुबह-सुबह तालाब पर पहुंच कर संपूर्ण तालाब की साफ सफाई और मिट्टी खुदाई श्रमदान करती है।





