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तिथि संवत् : भाद्रपद, शुक्ल पक्ष अष्टमी, रविवार रात्रि 12:58 तक रहेगी। विक्रम संवत् 2082, शाके 1947, हिजरी 1447, मुस्लिम माह रवि उल अव्वल तारीख 7, सूर्य दक्षिणायन, शरद ऋतु, 31 अगस्त। सूर्योदय कालीन नक्षत्र अनुराधा नक्षत्र सायं 05:27तक, इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र रहेगा। वैधृति योग दोपहर बाद 03:59 तक, इसके बाद विष्कुंभक योग रहेगा। विष्टि करण प्रातः 11:52 तक, इसके बाद बव करण रहेगा।
ग्रह विचार (प्रातः 05:30): सूर्य-सिंह, चंद्र-वृश्चिक,मंगल-कन्या, बुध-सिंह, गुरु-मिथुन, शुक्र-कर्क, शनि-मीन, राहु-कुंभ, केतु-सिंह राशि में स्थित है।
दिशाशूल : पश्चिम दिशा- यदि जरूरी हो तो छुआरा खाकर यात्रा कर सकते हैं।
राहुकाल : सायं 04:30 से 06:00 तक रहेगा।
शुभाशुभ ज्ञानम् : भद्रा प्रातः 11:52 तक, दुर्गाष्टमी,राधाष्टमी, श्री दधीचि जयंती, महालक्ष्मी व्रत प्रारंभ, वैधृति पुण्यं, मेला भर्तृहरि 3 दिन का प्रारंभ अलवर राजस्थान, गंडमूल प्रारंभसायं 05:27 से ।
चौघड़िया मुहूर्त : प्रातः 07:44 से 09:18 तक चर का,प्रातः 09:18 से दोपहर 12:27 तक लाभ व अमृत का, दोपहर 02:02 से 03:36 तक शुभ का चौघड़िया रहेगा।
आज विशेष : आज राधा जी का प्राकट्य हुआ था। अतःआज राधारानी का षोडशोपचार पूजन कर व्रत करें। सुवासिनी स्त्रियों को भोजन कराकर आचार्य को पूजन सामग्री भेंट कर स्वयं भोजन करें। इस व्रत को करने से राधाजी के श्रीचरणों में स्थान मिलता है। रविवार को प्रातः स्नानादि के बाद जलपूर्ण कलश में लाल पुष्प, लाल चंदन डालकर सूर्य भगवान को चढ़ाएं। इसके प्रभाव से ऐश्वर्य एवं आत्मबल बढ़ता है। आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ करें और दिन में एक बार बिना नमक का भोजन करें तो सूर्य जनित दोष दूर होते हैं। आज वैधृति योग में चांदी का दान करना शुभ फलदायी होता है।