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सिरोही-सिरोही में एक श्रमिक की जान से खिलवाड़ का मामला सामने आया है। रोहिड़ा थाना क्षेत्र में दस दिन पहले एक मकान की दीवार गिरने से श्रमिक घायल हो गया था। उसे पहले उपजिला अस्पताल आबूरोड़ ले जाया गया। डॉक्टरों ने श्रमिक की हालत चिंताजनक देखते हुए जिला अस्पताल सिरोही रेफर कर दिया। वहां आवश्यक जांच और उपचार के बाद 4 अगस्त को उसे 108 एम्बुलेंस से राजकीय महाराणा भूपाल अस्पताल, उदयपुर रेफर किया गया।
सीएमएचओ ने उदयपुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर.एल. सुमन से मेडिकल टीम तैयार रखने को कहा था। कलेक्टर अल्पा चौधरी और एडीएम डॉ. दिनेश राय सापेला भी मामले की निगरानी कर रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में एक निजी एम्बुलेंस घायल को सुमेरपुर के एक प्राइवेट अस्पताल ले गई। एसडीएम और तहसीलदार पिंडवाड़ा ने वहां जाकर घायल को उदयपुर रेफर करवाया।
जिला कलेक्टर के संज्ञान में आने पर सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वे यह पता लगाएंगे कि किसके कहने पर प्राइवेट एम्बुलेंस घायल को ले गई और कौन-कौन से स्टाफ इसमें शामिल थे।
साथ ही सीएमएचओ ने 108 एम्बुलेंस मैनेजर को निर्देश दिए हैं कि रेफर किए गए मरीजों को पाली की बजाय सीधे उदयपुर या जोधपुर ले जाया जाए, जिससे समय पर बेहतर इलाज मिल सके।बीसीएमओ, पीएमओ को निर्देश
सीएमएचओ ने सभी बीसीएमओ, पीएमओ, सीएचसी एवं पीएचसी इंचार्ज को भी लिखित में निर्देशित किया है कि हमारे सरकारी अस्पताल से मरीजों को सरकारी अस्पताल अथवा आयुष्मान योजना में पंजीकृत अस्पतालों में ही रेफेर करे, जिससे मरीजों का निशुल्क इलाज हो सके। सभी इंचार्ज को निर्देशित किया है कि प्राइवेट एम्बुलेंस द्वारा मरीजों को रेफेर करने में अगर कोई स्टाफ दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कार्यवाही करे, अन्यथा इंचार्ज के खिलाफ कारवाही जिला स्तर से की जाएगी। साथ ही निर्देशित किया है कि अगर कोई प्राइवेट एम्बुलेंस जबरन अस्पताल परिसर में मरीजों को लेने आती है अथवा खड़ी रहती है तो ऐसी एम्बुलेंस के खिलाफ पुलिस करवायी करे।
सीएमएचओ डॉ. खराड़ी ने सिरोही की आम जानता से निवेदन किया है कि सरकारी अस्पतालों में सभी प्रकार की चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं, और मरीजों को यहाँ योग्य व अनुभवी चिकित्सकों द्वारा निःशुल्क उपचार प्रदान किया जाता है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे किसी के बहकावे, गलत जानकारी में निजी अस्पतालों का रुख न करें, क्योंकि इसमें उनका निजी स्वार्थ होता है, सरकारी अस्पतालों में ही अथवा आयुष्मान योजना में पंजीकृत अस्पताल में ही निशुल्क इलाज करावे ।