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जालोर -जालोर शहर का सुंदेलाव तालाब ओवरफ्लो हो गया है। कॉलोनियों में तालाब का पानी नहीं घुसे, इसके लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर परिषद व जल संसाधन विभाग ने कच्ची नहर बनाई। लेकिन यह नहर तीसरी बार टूट गई।
इसके कारण आईटीआई के आसपास की 3 कॉलोनियों में पानी भर गया और स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में दो दिन से बारिश का दौर रूका हुआ हैं। लेकिन शहर के सीवरेज का पानी तालाब में आने से पानी लगातार ऑवरफ्लो होकर कॉलोनियों भर रहा हैं।
बता दें कि पिछले साल बिपरजॉय तूफान के साथ हुई अतिवृष्टि से सुन्देलाव तालाब लबालब हो गया था। जिससे करीब 6 माह तक आईटीआई के आसपास की कॉलोनियों में पानी भरा रहा था। कई बार लोगों ने धरना प्रदर्शन कर समस्या के समाधान की मांग की थी। जिसके बाद जिला कलेक्टर पूजा पार्थ के निर्देश पर जून में कच्ची नहर बनाकर तालाब के पानी को नाले तक पहुंचाने के प्रयास किए गए। लेकिन नहर लगातार टूट रही है।
कच्ची नहर हल्की बारिश में ही फेल
जानकारी के अनुसार जालोर में अभी तक 429 एमएम बारिश हुई है। कलेक्टर के निर्देश के बाद जून महीने में ही नगर परिषद ने यहां पर ओवरफ्लो से बाइपास रोड के नाले तक तालाब की पाल के पास-पास जेसीबी से पानी निकासी का रास्ता बनाया। जिसे बाइपास रोड से पहले अंडरग्राउंड पाइप डालकर नाले से जोड़ा गया। लेकिन कच्ची नहर हल्के ओवरफ्लो में ही टूट गई।
3 कॉलोनियां के करीब 150 घर होंगे प्रभावित करीब 6 साल बाद 2023 में सुंदेलाव तालाब ओवरफ्लो हुआ था। ऐसे में इन 6 वर्षों में 3 कॉलोनियां बस गई। इन तीनों कॉलोनियों के करीब 150 घर है। पिछले साल ओवरफ्लो के पानी से यहां करीब 150 घर पानी से घिर गए थे। वहीं इस वर्ष पानी निकासी के लिए बनाई अस्थाई कच्ची नहर पानी के रास्ते को नहीं बदल सकी। जिससे पानी कॉलोनियों में भर रहा हैं।
तालाब में जा रहा सीवरेज का पानी नगर परिषद व जिला प्रशासन की अनदेखी के चलते सीवरेज का पानी सुंदेलाव तालाब में जा रहा हैं। जिससे तालाब के पानी से बदबू आ रही हैं। इसके कारण आमजन का तालाब से लगाव भी कम हो रहा है। साथ ही तालाब में मौजूद मछलियां भी दम तोड़ रही है।