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उदयपुर-उदयपुर पुलिस ने चोरी-नकबजनी की वारदातों का खुलासा करते हुए गुजरात की सिकलीगर गैंग के तीन बदमाश पकड़े है। ये बदमाश कार लेकर चोरी की योजना बनाने निकलते थे और बाद में चोरी की बाइक पर रेकी करते थे और मौका मिलते ही सूने घर में चोरी को अंजाम देते थे। पूरी योजना इस कदर बनाते थे कि जब चोरी करते तब मोबाइल बंद रखते और वहां से भागते टोल नाके से बचकर ही निकलते थे।
उदयपुर एसपी योगेश गोयल ने बताया कि गोवर्धन विलास पुलिस ने अंतर्राज्यीय नकबजन गैंग का पर्दाफाश करते हुए इन बदमाशों को पकड़ा जिन्होंने राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र राज्य में 30 से ज्यादा नकबजनी की वारदातें करना स्वीकार किया। पुलिस ने इनसे एक कार भी जब्त की।
गिर्वा डिप्टी सूर्यवीर सिंह राठौड़ ने बताया कि गोवर्धनविलास थानाधिकारी दिलीप सिंह झाला के नेतृत्व में चोरी-नकबजनी की वारदातों का खुलासा व रोकथाम के लिए एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम ने सटीक सूचना तंत्र, गहन तकनीकी विश्लेषण व परंपरागत पुलिसिंग के आधार पर इन बदमाशों तक पहुंची।
डूंगरपुर, सिरोही और पालनपुर का बदमाश पकड़ा थानाधिकारी दिलीप सिंह झाला ने बताया कि इसमें डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के बासंडवाडा निवासी रोबिन सिंह (23) पुत्र खजान सिंह, गुजरात के गांधीनगर स्थित देहगाह और हाल सिरोही जिले के मंडार थाना के ठाकुरवास निवासी शेट्टी सिंह पुत्र माया सिंह (32) तथा गुजरात के पालनपुर के वडगाम के शिवनगर बरवाडिया निवासी लाखन सिंह पुत्र जीत सिंह (32) को गिरफतार किया है। इनमें शेटटी सिंह के विरूद्ध नकबजनी का एक प्रकरण तो लाखन सिंह के विरूद्ध चोरी-नकबजनी के कुल 5 प्रकरण दर्ज है।
पांच राज्यों में 30 से ज्यादा वारदातें करना स्वीकार किया इन बदमाशों ने राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र में 30 से ज्यादा नकबजनी की वारदातें करना स्वीकार किया। जिसमें दो वारदात डुंगरपुर शहर, एक वारदात उदयपुर के थाना गोवर्धनविलास व एक वारदात थाना ऋषभदेव सर्कल में करना स्वीकार किया है।
थानाधिकारी ने बताया कि गिरफतार सभी आरोपी गैंग बनाकर विभिन्न शहरो में कार लेकर जाते है व ताला-चाबी ठीक करने के नाम पर सघन आबादी क्षेत्र में पैदल या चोरी की बाईक से फैरी लगाते है इस दौरान मकानों के बाहर ताला लगा देख कर उस मकान की रेकी करते है तथा अधिकांश रात्रि के समय चेहरे पर नकाब पहन कर सूने मकानों में चोरी को अंजाम देते।
शातिर बदमाश घटनास्थल के आस-पास अपना मोबाईल फोन बंद रखते थे तथा एक शहर मे एक ही रात्रि में 5-6 सूने मकानों को निशाना बनाते थे। घटना के पूर्व व पश्चात आने जाने के मार्ग पर टोल प्लाजा से बच कर निकलते थे।
इस घटना से पुलिस ने टीम बनाकर जांच शुरू की
5 मार्च 2025 को गोवर्धनविलास थाने पर आरएचबी कॉलोनी सेक्टर 14 निवासी सुशील कुमार भटनागर पुत्र विरेन्द्र प्रतापसिंह सिंह ने एक रिपोर्ट दी कि 4 मार्च 2025 को उसके सूने मकान में बदमाशों द्वारा चांदी के आभूषण, नकदी व अन्य सामग्री चोरी कर ले गये है। गठित पुलिस टीम ने आसपास के क्षेत्र में अज्ञात बदमाशो के आने व जाने के रूट को चिन्हित कर करीब 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे को चैक किए। मार्ग में आने वाले मोबाईल टॉवर का डंप डेटा संकलित कर विश्लेषण किया गया
वारदात का तरीका सिकलीगर गैंग जैसा था
पुलिस टीम द्वारा संकलित किये गये डेटा से उक्त घटना का तरीका वारदात गुजरात की सिकलीगर गैंग से सबंधित होना पाया गया। थानाधिकारी दिलीप सिंह झाला ने एक विशेष पुलिस टीम को गुजरात में उक्त सिकलीगर गैंग के संभावित ठिकानो के लिए रवाना किया।
सूचनाएं सही मिलने पर पुलिस ने गुजरात व राजस्थान के विभिन्न स्थानो पर दबिश देकर तीनों संदिग्धगणो का डिटेन किया गया व उनसे पूछताछ की गई तो उक्त तीनों पुलिस टीम को कोई संतोषप्रद जवाब नही दिया। जिनसे पुलिस टीम द्वारा सख्ती से पूछताछ की गई तो उक्त सभी ने सेक्टर 14 में उक्त वारदात करना स्वीकार कर लिया।


