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बाड़मेर-बाड़मेर जिले के लीलसर गांव में सोमवार को जाल के पेड़ में छिपाए बंधे 10 हिरणों के शव मिले थे। इसके बाद से ग्रामीण और वन्य जीव प्रेमी शिकारियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रशासन से कई दौर की वार्ता हुई लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी सहमति नहीं बन पाई है। आज दूसरे दिन मंगलवार को भी ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। वहीं हिरणों के शव भी मौके पर पड़े हैं। डीएफओ सविता दड्या का कहना है कि संदिग्ध 5 व्यक्तियों को डिटेन किया है। उनसे पूछताछ जारी है।
महंत मोट नाथ महाराज की अगुवाई में टेंट लोग धरने पर बैठे हैं। डीएफओ सविता दइया, बाड़मेर एएसपी जसाराम बोस, डीएसपी चौहटन, गुड़ामालानी सहित जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। धरणार्थियों से कई दौर की वार्ता होने हुई लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए है। ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़े हुए हैं।
डीएफओ सविता दड्या ने बताया कि वन विभाग की टीमों ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है, जल्द खुलासा हो जाएगा। पूरे मामले में आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमें प्रयास कर रही है।
लगातार दूसरे दिन भी धरना जारी
सोमवार को सुबह हिरणों के शव मिलने के बाद ग्रामीण व वन्य जीव प्रेमी आक्रोशित होकर मौके पर ही टेंट लगातार धरने पर बैठ गए। हिरणों का शिकार करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
धरने पर अखिल भारतीय विश्नोई महासभा अध्यक्ष देवेंद्र बुडिया, मंहत मोटनाथ महाराज, लीलसर सरपंच हीरालाल मुढ़ण, सहदेव चौधरी, जंभेश्वर वाइड लाइफ एवं एनवायर्नमेंट संस्था प्रदेशाध्यक्ष पीराराम धायल, बाड़मेर जिलाध्यक्ष भंवरलाल भादू, भाजपा ब्लॉक अध्यक्ष जयकिशन भादू, अर्जुन राम खिलेरी, पंचायत समिति सदस्य वीरेंद्र बोला सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
प्रशासन से कई दौर की वार्ता हुई लेकिन सहमति नहीं बनी धरने पर बैठे लोगों को वार्ता के लिए बाड़मेर डीएफओ सविता
दइया, एएसपी जसाराम बोस, चौहटन डीएसपी कृतिका यादव, गुड़ामालानी डीएसपी सुखाराम विश्नोई, चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल समेत जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया कि वो आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लेंगे। लेकिन ग्रामीण खुलासा करने और गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।
शिकारी और मांस खरीदने वालों को गिरफ्तारी की मांग
धरने पर बैठे ग्रामीणों और वन जीव प्रेमी संगठनों से जुड़े लोगों की मांग है कि इतनी बड़ी संख्या में हिरणों का एक साथ शिकार हुआ है। इसके पीछे बड़ा गिरोह सक्रिय है। यह मांस किन होटलों तक सप्लाई होता था। इसके खरीददार कौन है? शिकारियों के साथ उन होटल सप्लायर्स और खरीददार को भी गिरफ्तार किया जाए।
पिछले 4-5 साल में हिरणों की संख्या लगातार घट रही है। वन विभाग की टीम ने 7 लोगों को संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया। जिनसे पूछताछ की जा रही है। इनमें एक संदिग्ध ने हिरणों का शिकार करने के दौरान साथ होना स्वीकार किया है।
यह है मामला
लीलसर के पास दो धोरों की पाल है। जिसके बीच में कहीं किसी का नजदीक तक घर नहीं है। ऐसे में रात के समय शिकारी इस पाल के इलाके में विचरण करने वाले हिरणों पर रोशनी डाल कर शिकार करते हैं।
फिर इन हिरणों को एक जगह इकट्ठा करके मांस होटलों तक सप्लाई करते हैं। सोमवार सुबह 3 हिरण एक जगह पैर बंधे हुए मिले। वहीं 4 हिरण दूसरी जगह पैर बंधे हुए मिले। एक हिरण के बाल, सींग व मांस मिला है। ऐसे में 8 हिरणों का मांस वन विभाग ने बरामद कर डी-फ्रीज में रखवाया है।