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बाप-भारतीय सेना की 10 पैरा कमांडो यूनिट में 20 वर्षों तक सेवा दे चुके पूर्व हवलदार गिरधारी सिंह भाटी (76) का शनिवार रात निधन हो गया। वे बाप उपखंड के बारू गांव के निवासी थे और पिछले कई दिनों से जोधपुर के निजी हॉस्पिटल में रात 9 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। रविवार को सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कारउनके पैतृक गांव बारू में किया गया।हवलदार भाटी ने अपने सेवाकाल में चार देशों की सैन्य यात्रा की और अनेक महत्वपूर्ण दायित्व निभाए।
वे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निजी अंगरक्षक भी रहे, जो उनके अनुशासन और समर्पण का प्रतीक था। 1987 में सेवानिवृत्त होने के बाद वे समाजसेवा में सक्रिय रहे और क्षेत्र में आदर्श व्यक्तित्व के रूप में पहचाने जाते थे। पोकरण से बारू पहुंचे सैन्य अधिकारी सूबेदार जयदीप सिंह भदौरिया की अगुवाई में सैन्य दल ने पूरे सम्मान के साथ उन्हें सलामी दी। हवलदार भाटी के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है
अंतिम संस्कार में डिप्टी सीएमएचओ डॉ. पर्वत सिंह भाटी, प्रधान प्रतिनिधि रतनसिंह भाटी, पीटीआई खींवसिंह भाटी, सेवानिवृत्त चीफ इंजीनियर गोपाल सिंह भाटी, राजपूत समाज उपाध्यक्ष मनोहर सिंह खेतूसर, श्रवण सिंह बारू, सरदार सिंह सोलंकी, खेतसिंह भूटा, हाथीसिंह भूटा, जितेंद्रसिंह खेतूसर, राणाराम सुथार, बाबूराम सुथार, घेवरचंद जाजड़ा व गणेश शर्मा सहित क्षेत्र के बड़ी संख्या में गणमान्य जन व ग्रामीण उपस्थित रहे। गिरधारी सिंह भाटी का जीवन अनुशासन, कर्तव्य और राष्ट्रभक्ति की मिसाल रहा। उनके निधन से क्षेत्र ने न केवल एक जांबाज सैनिक, बल्कि एक सजग समाजसेवी और प्रेरक व्यक्तित्व को खो दिया। अंतिम संस्कार के समय गांव की फिजाओं में भारत माता की जय जयघोष गूंजती रही।


