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बाड़मेर।बाड़मेर के शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में पानी के मुद्दे पर कहा- अपने क्षेत्र के गांवों में आजादी के बाद से पानी नहीं पहुंचा है। इस पीड़ा को जाहिर करते हुए सरकार से गांवों तक पानी पहुंचाने की पुरजोर मांग की। विधायक ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अभी मंगल ग्रह पर पानी ढूंढ रहे है लेकिन हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के 70 साल बाद भी हमारे लोग पानी को तरस रहे है। पक्ष-विपक्ष की सरकारें आई सीमांत के लोगों को अभी तक जल नहीं पहुंच पाया है।
भाटी ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा- हमारे इलाके में पीएचईडी विभाग में स्टॉफ नहीं है इस वजह से लोग परेशान हो रहे है। सरकार से मांग है कि तमाम मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सीमांत के लोगों तक जल पहुंचाया जाए। कुछ दिन पहले कई सारे लोग पानी की टंकी के आगे धरने पर बैठे थे।
जब उनसे स्थितियों को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि हमें 30 दिनों से पानी नहीं मिला है। पानी के मामले में हमारा प्रदेश काफी त्रस्त है। एक तरफ पानी का भराव हो रहा है दूसरी तरफ लोगों के पास पीने का पानी नहीं है। यह समस्या बड़ी गंभीर है। मुझे लगता है आने वाले समय में प्रदेश की सरकार इस समस्या को हल करेंगी। अगर नहीं कर पाई तो जनता के साथ हमें सड़कों पर उतरना पड़ेगा।
पश्चिमी राजस्थान के लिए बने ERCP जैसी योजना
भाटी ने कहा कि पानी पर चर्चा चल रही है और इसका सही मूल्य सिर्फ सीमांत के लोग ही समझ सकते है। आजादी के बाद से अब तक, सीमांत के लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने मंगल ग्रह पर पानी की खोज और धरती पर जल संकट की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमें अपनी धरती की स्थिति जानने की ज़रूरत है।” भाटी ने केंद्र और राज्य सरकार को ERCP योजना लाने के लिए धन्यवाद दिया और पश्चिमी राजस्थान के लिए भी ऐसी ही एक योजना की आवश्यकता पर जोर दिया।
नर्मदा नहर प्रोजेक्ट 2017 में पूरी होनी थी लेकिन पूरी नहीं हुई
भाटी ने नर्मदा और इंदिरा गांधी नहर के विस्तार का कार्य रुके होने पर चिंता जताई और कहा कि इसे शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सीमांत के लोग चाहते हैं कि इन नहरों को जोड़ा जाए ताकि उनकी जमीनों को फायदा मिल सके और बुआई हो सके। नर्मदा नहर के 2013 में लाए जाने के बावजूद 2017 तक पूरा न होने पर भाटी ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि आज तक यह योजना टेस्टिंग में ही चल रही है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के विस्तार की भी स्थिति चिंताजनक है।
भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए ट्यूबवेल बनाने की जरूरत है
भाटी ने बाड़मेर लिफ्ट कैनाल के माध्यम से शिव ब्लॉक और अन्य हिस्सों में पानी पहुंचाने की समस्या पर भी ध्यान दिलाया। बिजली आपूर्ति की कमी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से उम्मीद जताई कि इन मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा। सरकार की ट्यूबवेल और हैंडपंप की घोषणा के लिए धन्यवाद देते हुए, भाटी ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र की भौगौलिक स्थितियां अलग हैं। 900-1000 फीट से पहले पानी नहीं आता, इसलिए 600 फीट तक खोद कर छोड़ देने से कोई फायदा नहीं है। सरकार को सही तरीके से ट्यूबवैल बनाने की आवश्यकता है ताकि लोग पानी के लिए भटकना न पड़े।
पुराने जल संसाधनों के रख-रखाव के लिए विशेष पैकेज की मांग की
भाटी ने पश्चिमी राजस्थान के पुराने जल संसाधनों जैसे बेरियां, बावड़ियां आदि के रखरखाव पर जोर दिया और एक विशेष पैकेज की मांग की जिससे इनका संरक्षण हो सके। ज़ाइका प्रोजेक्ट और विभाग में स्टाफ की कमी पर भी भाटी ने चिंता व्यक्त की। अंत में, भाटी ने शिव के गाँव बीज़ाबल की स्थिति का वर्णन किया, जहाँ पिछले तीस दिनों से पानी नहीं मिला है, और 80-90 साल के बुजुर्ग धरना दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि ऐसी समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाए।