
PALI SIROHI ONLINE
नागौर-लाडनूं रोड पर चूरू जिले के सुजानगढ़ सदर थाना क्षेत्र के मगरासर फांटा, काणुता के पास गुरुवार रात हुए भीषण सड़क हादसे में पचपदरा व पाटोदी क्षेत्र के तीन लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को दोनों गांवों में शोक की लहर दौड़ गई।
हादसे में पाटोदी निवासी सुरेश कुमार पुत्र बाबूलाल माली और उनकी पत्नी उषा के साथ पचपदरा निवासी महावीर पुत्र अजाराम माली की मौके पर ही मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को शव परिजनों को सौंपे गए, जिसके बाद गांवों में अंतिम संस्कार के दौरान गमगीन माहौल बना रहा।
गौरतलब है कि तीनों मृतक अपने परिवार के साथ खाटूश्याम के दर्शन कर घर लौट रहे थे कि मगरासर फांटा के पास सड़क किनारे खड़े डंपर से उनकी कार जा टकराई। हादसे में 7 लोग घायल भी हुए है।
आखिरी याद
पाटोदी में एक ही परिवार से सुरेश कुमार और उनकी पत्नी उषा की अर्थी उठने से पूरे क्षेत्र में गमगीन माहौल बना रहा। कई घरों में चूल्हे नहीं जले। हर ओर शोक और मातम का दृश्य नजर आया। वहीं महावीर पुत्र अजाराम माली का शव पचपदरा पहुंचते ही वहां भी कोहराम मच गया। उनकी मां और पत्नी की चीख-पुकार ने माहौल को और अधिक भावुक कर दिया। कमाने वाले युवा पुत्र की असमय मौत ने दोनों परिवार को पूरी तरह झकझोर कर रख दिया है।
हादसे से एक दिन पूर्व सुरेश कुमार ने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ ली गई एक सेल्फी सोशल मीडिया पर साझा की थी, जो अब उनकी अंतिम स्मृति बन गई है। यह सेल्फी अब क्षेत्रवासियों को गहरे भावुक क्षणों की याद दिला रही है। अंतिम संस्कार में पचपदरा व पाटोदी के साथ-साथ आस-पास के गांवों से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
एक ही परिवार से एक साथ उठी दो अर्थियां
पाटोदी कस्बे के माली समाज से जुड़े एक ही परिवार के दो जनों की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद गांव में मातम पसर गया। नागौर-लाडनूं रोड पर चुरू जिले के सुजानगढ़ सदर थाना क्षेत्र में मगरासर फाटा काणुता के पास गुरुवार रात हुए हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में जान गंवाने वाले सुरेश कुमार माली और महावीर माली आपस में साले-बहनोई थे। दोनों ने मंदिर दर्शन और घूमने की योजना बनाई थी। खाटूश्यामजी मंदिर सहित कई स्थानों की यात्रा के बाद वे घर लौट रहे थे, लेकिन घर तक पहुंच नहीं सके। यात्रा के दौरान ली गई सेल्फी दोनों की आखिरी सेल्फी साबित हुई। सुरेश कुमार बालोतरा सब्जी मंडी में दुकान चलाते थे। वे तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। उनके पीछे दो बेटियां और एक दस वर्षीय बेटा है। अब परिवार की जिम्मेदारी छोटे भाइयों पर आ गई है।
सफर अंतिम बन गया
इसी तरह पचपदरा निवासी महावीर माली भी दो भाइयों में बड़े थे और दैनिक मजदूरी करते थे। तीन साल पहले हुई शादी के बाद उनका डेढ़ वर्षीय बेटा है। पत्नी धापू के पति के साथ देखे गए सपने अधूरे रह गए। दुर्घटना के बाद पाटोदी में एक ही परिवार से एक साथ दो अर्थियां उठीं। हंसी-खुशी से चल रहा परिवार एक झटके में गहरे शोक में डूब गया। परिवारवालों के अनुसार, दोनों ने घर से चलते वक्त कहा था जल्द लौटेंगे, लेकिन वह सफर अंतिम बन गया।