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जयपुर-जयपुर में एक पिता खुद की 10 और 11 साल की बेटियों का रेप कर रहा था। मां समाज और पति के डर से केस नहीं करवाना चाहती थी। लेकिन, पुलिस टीम ने हिडन कैमरे से बच्चियों और मां के बयान लेकर एफआईआर दर्ज की।
इसके बाद कई साल से बेटियों के साथ हो रहे रेप का मां ने खुलासा किया। सदर थाना पुलिस ने गुरुवार को आरोपी पिता को गिरफ्तार किया है।
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया 20 जून को पेट दर्द होने पर मां दो बेटियों को लेकर अस्पताल पहुंची थी। दोनों की हालत बिगड़ी हुई थी। मां ने डॉक्टर को बताया कि दोनों बच्चियों को पेट दर्द और मानसिक तनाव की शिकायत है। डॉक्टर ने पूछताछ की तो सच सामने आया।
बच्चियों की मां ने बताया उसका पति सालों से मेरा और दोनों नाबालिग बेटियों का शारीरिक शोषण कर रहा है। डर और समाज की बदनामी के कारण चुप रही।
लेकिन, अब बच्चियों की हालत देखकर टूट गई। डॉक्टर ने जांच की पुष्टि होने पर महिला एनजीओ को अस्पताल बुलाया। बच्ची की मां से बात कराई।
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया 21 जून को बाल श्रम और बाल यौन हिंसा के खिलाफ काम करने वाली एसोसिएशन फॉर वॉलेंटरी एक्शन संस्थान को आसरा फाउंडेशन से सूचना मिली कि एक महिला सदर थाना क्षेत्र में रहती है। वह किसी अस्पताल में अपनी बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण की घटना के बारे में बताना चाहती है।
महिला और नाबालिग बच्चियों काउंसलिंग की गई
इस पर एनजीओ ने महिला से संपर्क किया। एक सुरक्षित और शांत स्थान पर ले जाकर महिला व नाबालिग बच्चियों काउंसलिंग की गई। काउंसलिंग में सामने आया कि नाबालिग बच्चियां स्कूल में गुमसुम रहती हैं।
महिला ने बताया कि उसने पति को बच्चियों के साथ अश्लील हरकतें करते हुए देखा। संदिग्ध हालात में पकड़ा है। उसका पति बच्चियों के साथ अश्लील हरकत और रेप करता है। बच्चियों को बार-बार पेट दर्द जैसी शिकायत रहती है।
इस पर वह डॉक्टर को अस्पताल में बच्चियों को दिखाने आई थी। डॉक्टर ने भी पेट दर्द के इलाज के दौरान बच्चों के साथ गलत काम होने की पुष्टि की।
इसके बाद एनजीओ ने डीसीपी वेस्ट कार्यालय में कार्रवाई के लिए संपर्क किया।
पुलिस ने बनाया एक्शन प्लान, काउंसलिंग की हिडन कैमरे से वीडियोग्राफी करवाई
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया- महिला ने मुकदमा दर्ज कराने से मना कर दिया था। इसलिए सीआई चित्रकूट अंतिम शर्मा को महिला और बच्चियों की एनजीओ की उपस्थिति में काउंसलिंग करने के लिए कहा गया। काउंसलिंग की हिडन कैमरे से वीडियोग्राफी की गई। महिला समाज और पति के डर से एफआईआर दर्ज नहीं करवाना चाह रही थी।
एनजीओ की रिपोर्ट और काउंसलिंग में दुष्कर्म के सबूत थे।
इस पर सीआई चित्रकूट ने 22 जून को सदर थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर दर्ज होने पर जांच एडिशनल डीसीपी SIUCAW (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट क्राइम अगेंस्ट वीमन) सुलेश चौधरी को दी गई।
इसके बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने एनजीओ, सीआई चित्रकूट, बच्चियों और उनकी मां के बयान कराए। बयानों के बाद मेडिकल बोर्ड से बच्चियों का मेडिकल करवाया गया।
बच्चियों की मेडिकल रिपोर्ट में तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। अब तक की जांच में सामने आया है कि आरोपी कई साल से अपनी नाबालिग बच्चियों के साथ रेप कर रहा था।