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बाल विवाह गैर कानूनी है उसे रोकें वह राष्ट्र निर्माण करें
बाल विवाह एक सामाजिक अपराध है
बाल विवाह रोकों अभियान के तहत विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जागरुकता शिविर आयोजित
खीमाराम मेवाडा तखतगढ
उम्मेदपुर:: उपखण्ड मुख्यालय के ग्राम पंचायत उम्मेदपुर के अधीन मालपुरा व मोरु में आम जन व नरेगा श्रमिकों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालोर द्वारा बाल विवाह रोकथाम अभियान के तहत विधिक साक्षरता व जागरूकता शिविर आयोजित किया गया
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जालोर के पीएलवी रमेश कुमार बेदाना ने बताया कि सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार मीणा के आदेशानुसार बुधवार को बाल विवाह रोकथाम अभियान के तहत बताया कि अपने घर में, परिवार में, पड़ोस में बाल विवाह न होने दें। अपने समाज को इस कलंक से बचाएं समाज के लोगों को समझाएं।बाल विवाह में भाग न ले बारात में व जीमने न जाएं।यह गैर कानूनी कार्य है एवं इसें रोकना आपका राष्ट्रीय कर्तव्य है लड़की की उम्र 18 वर्ष व लड़के की उम्र 21 से पहले शादी करते हैं व जो शादी में भाग लेते हैं तो उनको जेल होगी। जैसे लड़के एवं लड़की के पिता, रिश्तेदार, पंडित,नाई, कुम्हार, बैण्ड वाले, घोड़ी वाले, निमंत्रण पत्र छापने वाले एवं जो भी व्यक्ति विवाह में शामिल हो रहे हैं उन्हें सजा में एक लाख जुर्माना या दो वर्ष की जेल अथवा दोनों हो सकती है।
कम आयु में शादी करने पर पढ़ाई-लिखाई का रुक जाना, पारिवारिक जिम्मेदारियों का बोझ नहीं उठा पाना,कम उम्र में गर्भधारण जिससे मां व बच्चे की मृत्यु की अधिक संभावना रहती है
वहीं बताया कि अगर समाज में इज्जत चाहते हो तो दूर रहो बाल विवाह से वरना तैयार रहो जेल की हवा खाने के लिए।
वहीं राष्ट्रीय लोक अदालत, पीड़ित प्रतिकर स्कीम, मृत्यु भोज, महिलाओं के अधिकारियों, समाज कल्याण व श्रम विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता मुलाराम बाराडां,मेट सुशीला, सुकी सहित आमजन व श्रमिक मौजूद रहे