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उदयपुर-उदयपुर में शहर से सटे इलाकों में भी लेपर्ड का मूवमेंट बढ़ने लगा है। सिटी से करीब 15 किमी दूर लखावली इलाके में एक लेपर्ड वन विभाग के पिंजरे में फंसा है। इसकी जानकारी मंगलवार सुबह हुई। इस जगह से करीब 15 किमी दूर 18 अक्टूबर को एक तेंदुए को गोली मारी गई थी। आशंका जताई जा रही थी कि 10 लोगों का शिकार करने वाला तेंदुआ वही था। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। उधर, पिछले करीब 29 दिन में इन इलाकों से 5 तेंदुओं को वन विभाग पकड़ चुका है।
लखावली इलाके की पहाड़ी पर लेपर्ड के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग ने पिंजा लगाया था। सोमवार दोपहर बाद एक लेपर्ड इस पिंजरे में आकर कैद हो गया। शाम करीब 4 बजे आसपास के इलाकों में तेंदुए के गुर्राने की तेज आवाज सुनाई देने लगी थी। लोगों ने पहाड़ी पर जाकर देखा तो पिंजरे में तेंदुआ कैद था। इसकी सूचना फौरन वन विभाग को दी गई।
लेपर्ड को सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क ले गए बरोड़िया वन नाके से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। तब तक उदयपुर से भी टीम पहुंच गई थी। शाम को टीम
लेपर्ड को उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क ले गई।
पहले पिंजरा हटाया, फिर वापस लगाया
लखावली सरपंच मोहनलाल डांगी ने बताया- यहां पहाड़ी इलाके में लगातार लेपर्ड की आवाजाही हो रही थी। इसके चलते पिछले महीने ही वन विभाग से पिंजरा लगवाया था। लेपर्ड का मूवमेंट नहीं होने से विभाग ने यहां से पिंजरा हटा दिया था।
3 दिन पहले 18 अक्टूबर को यहां तालाब के पास दोपहर के समय एक बकरी का लेपर्ड ने शिकार किया था। जब वहां लोगों ने शोर मचाया तो लेपर्ड बकरी वहीं छोड़ भाग गया। इस बीच गांव वालों की मांग पर वन विभाग ने वापस 19 अक्टूबर को पहाड़ी पर पिंजरा लगाया, जिसमें लेपर्ड 21 अक्टूबर को कैद हो गया।
ग्रामीणों को लगातार दिखते हैं लेपर्ड
सरपंच डांगी ने बताया कि राजस्व गांव लखावली और आगे पहाड़ी के पास भीलवाड़ा गांव में लेपर्ड की आवाजाही से लोगों में दहशत है। आशंका है कि यहां करीब 4 लेपर्ड हैं। ये ग्रामीणों को अक्सर दिखते भी हैं।
राठौड़ों का गुड़ा 15 किलोमीटर दूर पड़ता है
लखावली से राठौड़ों का गुड़ा गांव करीब 15 किलोमीटर दूर पड़ता है। राठौड़ों का गुड़ा में ही एक पुजारी और एक महिला लेपर्ड के शिकार हुए थे। उसके बाद वन विभाग की टीमें वहां 20 दिन से ज्यादा समय से लगी हुई है। 20 अक्टूबर को लियो का गुड़ा में सीसीटीवी में एक लेपर्ड को रात के समय देखा गया था। वहां से लखावली के बीच की दूरी 13 किमी है।
मदार और राठौड़ों का गुड़ा में लगे है 18 पिंजरे
इस समय मदार में 5 और राठौड़ों का गुड़ा में 13 पिंजरे सहित उस इलाके में कुल 18 पिंजरे लगा रखे हैं। अब ज्यादा टीमों की भीड़ के बजाय छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर सर्च किया जा रहा है। मदार, बड़ी पंचायत, सज्जनगढ़ सेंचुरी और बड़ी तालाब के पास है। लेपर्ड इन तालाबों में प्यास बुझाने आते रहते हैं। इसलिए इनका मूवमेंट आसपास के इलाकों में भी रहता है।