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उदयपुर-लेपर्ड के लगातार बढ़ते मूवमेंट से घबराए ग्रामीणों की मदद के लिए वन विभाग ने पिंजरा लगाया था। लेकिन, लेपर्ड ने पिंजरे के दरवाजे से अंदर आने की बजाय साइड में लगी जाली को तोड़ा। इसके बाद अंदर बंधे बकरे पर झपट कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया।
लेपर्ड पिंजरे में बाहर से करता रहा हमला
उदयपुर के जिले के कुराबड़ ब्लॉक के बंबोरा गांव में लेपर्ड का आबादी क्षेत्र में बढ़े मूवमेंट के बाद लोग घबराए हुए हैं। गांव में शनिवार रात को बालाकुई के पास नाथू सिंह के बाड़े में आकर गाय और बछड़े का शिकार कर लिया। इसके बाद अगले ही दिन रविवार को लोगों का आक्रोश देखकर वन विभाग ने बाड़े के पीछे खेत में पिंजरा लगाया था।
आज सुबह आसपास रहने वाले लोग खेतों की तरफ आए तो पिंजरे में बंधे बकरे की अधमरी हालत देख हैरान हो गए। लेपर्ड पिंजरे में घुसा ही नहीं बल्कि उसने बाहर से ही पिंजरे की जाली तोड़ी और बकरे पर हमला कर दिया। बकरा अधमरा हो गया। गांव के सरपंच प्रतिनिधि भैरूलाल मीणा ने बताया कि जो पिंजरा लगाया गया वहां ठीक नहीं है, लेपर्ड ने बाहर से पिंजरे में बंधे बकरे पर हमला कर दिया। वे बोले कि घटिया स्तर का पिंजरा लगाया गया जिसे तत्काल बदला जाए नहीं तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे।
गांव के युवराज सिंह ने बताया कि उनके दो बछड़े का लेपर्ड ने शिकार किया। पिंजरा जो वन विभाग ने लगाया वह लॉक भी नहीं हो पा रहा है और इसकी जाली कमजोर है जिससे लेपर्ड ने अंदर बकरे पर हमला कर दिया। युवराज ने बताया कि मौके पर ही लेपर्ड के साथ शावक के भी पगमार्क दिखे इससे लगता है कि लेपर्ड का पूरा परिवार का यहां मूवमेंट है।
आसपास दिनों दिन बढ़ रहा लेपर्ड का मूवमेंट ग्रामीणों का कहना है कि बंबोरा गांव के करणी फोर्ट के पास के खेतों में अक्सर लेपर्ड का मूवमेंट रहता है। उन्होंने बताया कि अकेला गांव, पातु खेड़ा, सोमाखेड़ा, फीला, भादला तालाब के आबादी क्षेत्र में लेपर्ड का मूवमेंट रहता है। आसपास पहाड़ी और जंगल होने से लेपर्ड कई बार आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं और पालतू पशुओं पर हमला कर देते हैं। बंबोरा से 5 किमी दूर बोरिया गांव में लेपर्ड ने घर में घुसकर एक महिला सहित 5 जनों पर हमला कर दिया था। जिसमें 3 जने बुरी तरह घायल हो गए थे।