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उदयपुर-उदयपुर के गोगुंदा तहसील क्षेत्र में लेपर्ड का मूवमेंट रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जिन इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, वहां से करीब 30 किमी दूर लेपर्ड ने गाय का शिकार किया है। गांव वालों को इसकी जानकारी गुरुवार सुबह हुई। गांव वालों ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जंगली जानवरों को पकड़ा जाए, नहीं तो हम धरना देंगे।
ढोल ग्राम पंचायत के सरदारपुरा गांव में बुधवार रात लेपर्ड आया था। लाल सिंह पुत्र सरदार सिंह के बाड़े में बंधी गाय को उसने शिकार बनाया। लाल सिंह को इसकी जानकारी सुबह हुई।
गांव वालों ने कहा- हमारी जान खतरे में
सरपंच मोहनलाल गमेती ने कहा- हम प्रशासन से धन-दौलत नहीं मांग रहे हैं। प्रशासन हमारी लेपर्ड से रक्षा करे। पिंजरा लगाए। गांव के कालू सिंह ने कहा- हमलोगों की जान खतरे में है। कब, किधर से लेपर्ड गांव में आ धमकेंगे, पता नहीं चलेगा। अभी तो गाय को शिकार बनाया है। इसी तरह चलता रहा तो गांव वाले भी उसके शिकार बनेंगे।
लेपर्ड का मूवमेंट बढ़ने से डर
गांव की एक महिला ने कहा- एक महीने से लेपर्ड आ रहा है। यहां हमारे घरवालों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। जाएं तो कहां जाएं। गाड़ी पर जा रहे हैं तो लेपर्ड पीछे दौड़ रहा है। नान्देशमा के कैलाश पालीवाल ने बताया कि क्षेत्र में लेपर्ड का मूवमेंट बढ़ गया है।
पिछले करीब एक महीने में 9 लोगों का शिकार पिछले करीब एक महीने में गोगुंदा इलाके में लेपर्ड 9 लोगों की जान ले चुका है। अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इतने लोगों का शिकार किसी एक लेपर्ड ने किया है कि इनकी संख्या एक से ज्यादा है। वन विभाग से लेकर पुलिस की टीमें सर्च में जुटी हैं। फिर भी सफलता नहीं मिल रही है।
केलवों का खेड़ा-राठौड़ों का गुड़ा पुलिया पर लेपर्ड का मूवमेंट इधर, वन विभाग के सर्च ऑपरेशन में सबसे ज्यादा फोकस केलवों का खेड़ा-राठौड़ों का गुड़ा रोड के बीच आने वाली पुलिया पर है। यहां लेपर्ड ने पहले इंसानों पर हमले का प्रयास किया था। इसके बाद उसका मूवमेंट इस तरफ होने के संकेत भी मिले। वन विभाग ने यहां पिंजरा भी लगाया है। शूटर से लेकर अन्य फील्ड स्टाफ भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। सीसीटीवी से भी नजर रखी जा रही है।