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उदयपुर-उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर परसाद वन रेंज के जंगल में ग्रामीण पर हमला करने के बाद गुस्साए लोगों ने उसे मार डाला। पूरी घटना वन विभाग के कर्मचारियों के सामने हुई। वन विभाग से आए शूटर ने लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज कर दिया था। जैसे ही वह बेहोश हुआ। ग्रामीण लेपर्ड पर टूट पड़े और उसकी जान ले ली।
उदयपुर शहर से करीब 37 किलोमीटर दूर परसाद वन रेंज के अमरपुरा गांव के पास जंगल में मादा लेपर्ड के एक गांव के फला गराड़ा में देवीलाल (40) पुत्र रत्ना मीणा पर हमला कर दिया। इसके बाद से ग्रामीण भय के मारे वहां जंगल की पहाड़ियों पर एकत्रित हो गए। इस दौरान लेपर्ड पहाड़ी पर गुफा में छिपा था। उस दौरान उदयपुर से वन विभाग की रेस्क्यू टीम शूटर डीपी शर्मा वहां पहुंच गए। स्थानीय वन विभाग की टीम के साथ शाम तक शूटर लेपर्ड के बाहर निकलने का इंतजार कर रहे थे।
एकाएक जब लेपर्ड नीचे उतर रहा था और नाले के पास शूटर शर्मा ने उसको ट्रॅकुलाइज कर दिया। इस बीच लेपर्ड के दशहत से घबराए ग्रामीणों ने लेपर्ड पर हमला बोल दिया। बाद में जब वनकर्मियों ने लेपर्ड को उपचार के लिए ले जाने लगे तो देखा कि उसकी मौत हो गई। इस संबंध में टीडी थानाधिकारी फेलीराम ने बताया कि इस संबंध में वन विभाग की तरफ से कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
ग्रामीणों में गुस्सा कि घर से बाहर निकलना मुश्किल हुआ इस जंगल के अंदर पहाड़ी क्षेत्र और आसपास ग्रामीण के घर है और वहां पर लेपर्ड के मूवमेंट के चलते ग्रामीण डरे और सहमे रहते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों को घर से बाहर ही निकालने में घबराते हैं और शाम ढलने के बाद अकेले घर से बाहर जाना मुश्किल भरा काम है। यहां पर पूर्व में भी लेपर्ड इंसानों पर हमला कर चुका है। इसमें परसाद, पडूणा, केवड़े की नाल आदि क्षेत्र में लेपर्ड का मूवमेंट रहता है।
सुबह हमला किया था लेपर्ड ने इस जंगल में सोमवार की सुबह ही अमरपुरा ग्राम पंचायत के फला गराड़ा में लेपर्ड ने देवीलाल (40) पुत्र रत्ना मीणा पर हमला कर दिया था। देवीलाल उस समय बकरी चरा रहा था लेपर्ड ने उसके पैर पर इस कदर जबड़े में जकड़ लिया कि बड़ा घाव हो गया और बाद में उसे अस्पताल लेकर गए थे।