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अलवर। नए साल में करीब 30 हजार परिवारों को राशन मिलना बंद हो जाएगा। सरकार ने सभी को ई-केवाईसी कराने के लिए कहा था, लेकिन यह परिवार नहीं जागे। राशन डीलरों के पास भी नहीं पहुंचे। संदेह यह भी है कि इनके कार्ड कहीं और जिलों में भी बने हो सकते हैं। यहां गांव छोड़ दिया हो या रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे जिलों व राज्यों में चले गए हों। हालांकि रसद विभाग ने 31 दिसंबर तक का समय ई-केवाईसी के लिए दिया है।
प्रदेश के कई जिलों में मुफ्त अनाज के नाम पर खेल हो रहा था। इसी को बंद करने के लिए ई- केवाईसी का तरीका निकाला। जिन लोगों ने ई-केवाईसी करा ली, वह योजना के लाभ में आ गए और जिन्होंने नहीं कराई उन्हें मुफ्त अनाज नहीं मिलेगा। अलवर, खैरथल-तिजारा व कोटपूतली-बहरोड़ जिले के 5.75 लाख परिवारों को ई-केवाईसी का लक्ष्य मिला था। रसद विभाग ने अब तक 5.45 लाख परिवारों का ई-केवाईसी कर दिया है। बाकी 30 हजार अभी विभाग के संपर्क में नहीं आए। विभाग इन परिवारों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है ताकि अनाज मिले, लेकिन अब तक संपर्क नहीं हो पाया है।
अतिरिक्त लोगों के नाम हट जाएंगे
ई-केवाईसी के जरिए उन्हीं परिवार के सदस्यों को गेहूं मुफ्त में मिलेगा जो इस जिले में निवास करते हैं। कुछ परिवारों की बेटियों की शादियां दूसरे जिलों में या राज्यों में हो गई हैं। ऐसे में उनके नाम ई-केवाईसी के जरिए कट जाएंगे। या परिवार दूसरे जिलों में निवास करने लगे, वह भी यहां से हटाए जाएंगे।
तीनों जिलों का 84.13 फीसदी लक्ष्य पूरा
ई-केवाईसी सभी राशनकार्ड धारकों के लिए अनिवार्य की गई थी, लेकिन करीब 16 फीसदी लोग अभी दूरी बनाए हुए हैं। तीनों जिलों के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 84.13 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हुआ है।
ई-केवाईसी करीब 84.13 फीसदी राशनकार्ड धारकों ने करवाए हैं। बचे परिवारों को 31 दिसंबर तक का समय दिया हुआ है। अन्यथा इन्हें नए साल से राशन नहीं मिलेगा।