PALI SIROHI ONLINE
खीमाराम मेवाड़ा/पिन्टू अग्रवाल
*पाली जिले की नोवी पीएचसी राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट के लिए चयनित
आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने में पाली जिले की चिकित्सा विभाग की टीम ने एक बार फिर राज्य में परचम लहराया है। गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम (एनक्यूएएस) के तहत निर्धारित क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्य करने पर पाली जिले की नोवी पीएचसी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट से चयनित किया है।
सीएमएचओ डॉ.विकास मारवाल ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए गत दिनों राष्ट्रीय स्तर से एसेस्मेंट अधिकारी पाली जिले में आए थे। इन अलग-अलग अधिकारियों ने पाली जिले के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नोवी में 22 व 23 नवंबर 2024 को विजिट कर वहां पर मरीजों को मिलने वाली चिकित्सा सुविधाओं को परखा। उन्होंने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नोवी ने गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत निर्धारित समस्त 6 क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्य करते हुए 89.73 प्रतिशत अंक के साथ राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट के लिए चयनित किया गया।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त करने में नोवी पीएचसी के लिए सुमेरपुर ब्लॉक की टीम के साथ जिला स्तरीय टीम आदि का सराहनीय का योगदान रहा। राष्ट्रीय क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट के लिए राज्य की 2 पीएचसी के लिए भारत सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के चिकित्सा विभाग के आला अधिकारीयों को अवगत कराया है। इनमे एक हनुमानगढ़ जिले की पीएचसी है तथा दूसरी पाली जिले की नोवी पीएचसी है। सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल ने नोवी पीएचसी के चयन के लिए पाली जिले की चिकित्सा टीम को बधाई दी।
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*पीएचसी पर इन बिंदुओं को परखा*
पाली। सीएमएचओ डॉ विकास मारवाल ने बताया कि भारत सरकार की टीम ने नौवी पीएचसी में ओपीडी, आईपीडी, प्रसव कक्ष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, चिकित्सा संस्थान के प्रशासन व्यवस्था आदि सेवाओ की जांच की।
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*संस्थान को मिलेगी प्रोत्साहन राशि* पाली। सीएमएचओ डॉ मारवाल ने बताया कि एनक्वास में चयनित होने पर इस चिकित्सा संस्थान को निर्धारित मापदंड के अनुरूप प्रोत्साहन राशि सरकार की ओर से दी जाएगी।
राष्ट्रीय स्तर का एसेसमेंट में 70 प्रतिशत अंक या इससे अधिक संस्था प्राप्त कर लेती है तो आगामी 3 साल तक तीन लाख रुपए प्रत्येक साल मिलते हैं, जिसमें 25 प्रतिशत राशि स्टॉफ इंसेंटिव होता है तथा 75 प्रतिशत राशि संस्थान पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में उपयोग ली जाएगी।