PALI SIROHI ONLINE
सोजत-सोजत की बेटी मिताली ओझा ने भीलवाड़ा में आयोजित हुई राजस्थान पावर लिफ्टिंग राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 257.5 किलो वजन उठाकर कांस्य पदक जीता है। बालिका मिताली की उपलब्धि पर संपूर्ण सोजत क्षेत्र के वासियो को गर्व और खुशी महसूस हो रही है।
खेल के प्रति शुरू से ही समर्पित रही है मिताली
मीडिया ने जब मिताली से इस उपलब्धि के बारे में बात की तो उनकी तैयारी का इतिहास जाना। बातचीत के दौरान मिताली ने बताया कि वह बचपन से ही खेल के प्रति आकर्षित रही है। बचपन से लड़कियों को कंधों पर वजन उठाकर पावरलिफ्टिंग करना उन्हें आकर्षित कर रहा था। फिर धीरे-धीरे घर पर साधारण प्रैक्टिस शुरू की। बाद में लोकल प्रतियोगिताओं में भाग लिया कुछ मेडल जीते तो हौसला बढ़ा। जिला स्तरीय पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने पर पावरलिफ्टिंग को ही अपना जीवन समर्पित कर दिया। इसी का नतीजा है कि वह आज स्टेट लेवल के टूर्नामेंट में तीसरा बड़ा पुरस्कार जीतने में सफल हुई। मिताली फिलहाल योगा साइंस में डिप्लोमा भी कर रही है।
परिवार ने किया पूरा सपोर्ट, प्रोफेशनल ट्रेनिंग दिलवाई, कोच संधू की देखरेख में सिखी पावरलिफ्टिंग की बारीकियां बातचीत के दौरान मिताली ने बताया कि मेरा पावर लिफ्टिंग के प्रति समर्पण को देखते हुए पिता चंद्रमोहन ओझा और माता चंद्रा ओझा के साथ पूरे परिवार ने मुझे आगे बढ़ाया और पावर लिफ्टिंग के लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग दिलवाई। फिर मैं अपने ट्रेनर प्रभजोत संधू जो गंगानगर के हैं उनके मार्गदर्शन में रोजाना पावर लिफ्टिंग की प्रैक्टिस शुरू की और खेल के कौशल को निखारा । पावर लिफ्टिंग के लिए आपका शरीर चुस्त दुरुस्त होना चाहिए। इसके लिए एक्सरसाइज और वेट लिफ्टिंग की रेगुलर प्रैक्टिस करनी पड़ती है। इस पर मैंने पूरे जज्बे के साथ काम किया। दिन रात कड़ी मेहनत की और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में मिले कांस्य पदक से मुझे बहुत हौसला मिला है। मैं पावर लिफ्टिंग में ही राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं।
ये भी पढे