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सिरोही-भारत सरकार के राजपत्र में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की राशि 266 रूपए तय कर रखी है। इसके बावजूद सिरोही जिले में नरेगा कार्य स्थल पर भीषण गर्मी में काम कर रहे श्रमिकों को पूरी मजदूरी नहीं दी जा रही है। यह आरोप रविवार को पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने नरेगा श्रमिकों की समस्याएं सुनने के बाद लगाया। इस संबंध में पूर्व विधायक लोढ़ा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह किया है कि वे जिले में कार्यरत श्रमिकों को भारत सरकार की ओर से तय न्यूनतम मजदूरी को भुगतान करवा श्रमिकों को राहत प्रदान करें।
जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक संयम लोढ़ा रविवार को ग्राम पंचायत रूखाडा के खंदरा गांव जा रहे थे। उस समय नरेगा श्रमिक उनसे मिले। श्रमिकों ने पूर्व विधायक को अपनी समस्याएं बताते हुए कहा कि पिछले दो महीने से लगातार उन्हें कम मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। जानकारी मिलने पर पूर्व विधायक ने जिले के विभिन्न ब्लॉक में कार्यरत नरेगा श्रमिकों को किए जाने वाले भुगतान के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि पूरे जिले में नरेगा श्रमिकों को भारत सरकार की ओर से निर्धारित न्यूनतम मजदूरी 266 रूपए से कम भुगतान किया जा रहा है।
मामले को लेकर पूर्व विधायक ने बताया कि जिले के आबूरोड ब्लॉक में अप्रैल माह में 192 रूपए तथा मई माह में 190 रूपए, पिंडवाडा ब्लॉक में अप्रेल माह में 189 रूपए तथा मई में 190 रूपए, रेवदर ब्लॉक में अप्रेल में 200 रूपए तथा मई में 196 रूपए, शिवगंज ब्लॉक में अप्रैल में 195 रूपए तथा मई माह में 197 रूपए तथा सिरोही ब्लॉक में अप्रैल माह में 202 रूपए तथा मई माह में 202 रूपए भुगतान किया गया है। इस प्रकार पूरे जिले में औसत मजदूरी 194 रूपए ही दी गई है। जबकि भारत सरकार के राजपत्र में ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से नरेगा श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 266 रूपए तय की हुई है।
लोढ़ा ने इस तपती धूप में नरेगा कार्य स्थल पर कार्य करने वाले मजदूरों को कम मजदूरी देने को उनके साथ खिलवाड़ बताया है। इस संबंध में पूर्व विधायक लोढ़ा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की है कि सिरोही जिले में कार्य करने वाले नरेगा मजदूरों को भारत सरकार के तय मापदंड के अनुसार न्यूनतम मजदूरी प्रदान करवा उनको उनका हक प्रदान करें।