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सिरोही जिला मुख्यालय पर होली के त्योहार पर धूलंडी की संध्या पर महाआरती का आयोजन किया, जो करीब सवा घंटे तक चली। सारणेश्वरजी मंदिर के अंदर से शुरू हुई यह आरती दरवाजे के बाहर तक सभी छोटे-बड़े 108 मंदिरों में की गई। इस दौरान सभी श्रद्धालु ओम नमः शिवाय का जाप करते रहे।
होली के पावन पर्व पर मंदिर परिसर और सारणेश्वर धाम के आसपास रहने वाले लोग सुबह रंग गुलाल और अबीर से होली खेलते हैं। इसके बाद संध्या के समय सारणेश्वरजी गांव के साथ ही आसपास के गांव, सिरोही, शिवगंज, सुमेरपुर, आबू रोड, स्वरूपगंज, पिंडवाड़ा, रेवदर, मंडार तक के श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंच जाते हैं। शाम को निर्धारित समय पर गोधूलि बेला में महाआरती का आयोजन शुरू किया जाता है। मंदिर परिसर के अलावा मंदिर के बाहर सभी छोटे बड़े करीब 108 मंदिरों में ओम नमः शिवाय की धुन पर महाआरती का आयोजन किया जाता है।
इस आरती को काफी तेजी से किया जाता है। इसके बावजूद इस आरती में कम से कम सवा घंटे का समय लगता है। इस आरती को देखने के लिए और आरती का लाभ उठाने के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हर वर्ष लगातार बढ़ती जा रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंदिर के बाहर सैकड़ों की संख्या में छोटे-बड़े वाहनों की भरमार दूर से ही नजर आती है। लोगों का कहना है कि दूसरे मेल को देखने जो आते हैं उनसे भी काफी ज्यादा संख्या उन श्रद्धालुओं की होती है, जो होली पर्व की महाआरती में पहुंचते हैं।
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