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सिरोही-जिले से 11 किमी दूर पाड़ीव गांव में एक पैंथर 28 घंटों से खेत में लगे बाड़ के तार में फंसा रहा है। उदयपुर से आई टीम ने देर रात ट्रॅक्यूलाइज कर रात 10 बजे पिंजरे में डाल दिया। सोमवार को रात माउंट के जंगलों में ले जाकर छोड़ दिया।
पाड़ीव गांव में रविवार सुबह जब किसान अपने खेत पहुंचा तो उसने पैंथर देखा। इसके बाद सूचना वन विभाग को दी। इसके बाद डीएफओ कस्तूरी प्रशांत सूले को सूचना देने पर सूचना मिलते ही आबूरोड के क्षेत्रीय वन अधिकारी राधेश्याम को मय टीम मौके पर भेज दिया। वनकर्मी मौके पर पहुंच गए, मगर संसाधन नहीं होने से लोगों को अवेयर करते दिखे।
उदयपुर व जोधपुर से आई टीमें : वन विभाग के पास ट्रॅक्यूलाइज करने की सुविधा नहीं रहती है। इसके चलते ट्रॅक्यूलाइज के लिए जोधपुर व उदयपुर से वाइल्ड लाइफ डिवीजन की एक्सपर्ट टीम को सूचना दी। यत 9.45 बजे उदयपुर की रेस्क्यू टीम के प्रभारी शूटर डीपी शर्मा मय टीम के मौके पर पहुंची। इसके बाद टीम ने पैंथर को ट्रॅक्युलाइज कर पिंजरे में डाल दिया।
1 दिन आब्जर्वेशन में रखा, रात को छोड़ा
उदयपुर से आए वाइल्ड लाइफ डिवीजन के वेटेरनरी डॉक्टर भय स्टाफ मौके पर पहुंचे। एक्सपर्ट ने पैंथर को ट्रॅक्यूलाइज कर पिंजरे में बंद कर दिया। उसे एक दिन के लिए आब्जर्वेशन में रखा। इसके बाद स्वास्थ्य की जांच करने पर वह एकदम स्वस्थ होने पर फिटनेस सर्टिफिकेट दिया। स्वस्थ होने के चलते सोमवार को 8 बजे के बाद रात के अंधेरे में उसे जंगल में छोड़ दिया।
40 घंटे तक कुछ नहीं खाया
पैंथर 28 घंटे तक तारबंदी में फंसा रहा। इसके बाद ट्रॅक्यूलाइज कर रात को 9.45 बजे पिंजरे में डाल दिया। वहां से पीएफए ले गए। वहां पर सोमवार को उसको खाना दिया। पैंथर पिंजरे में होने या अन्य कारणों से उसने कुछ नहीं खाया। ऐसे में वह 40 घंटे भूखा व प्यासा रहा।