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सिरोही-भीलवाड़ा जिले में दो ग्राम विकास अधिकारियों की आत्महत्या के बाद प्रदेशभर के ग्राम विकास अधिकारियों में आक्रोश है। इसी क्रम में शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर ग्राम विकास अधिकारियों ने काले कपड़े पहनकर शोक सभाएं आयोजित कीं और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर व जिला परिषद सीईओ को ज्ञापन सौंपा।
शाहपुरा पंचायत समिति के ग्राम विकास अधिकारी शंकरलाल मीणा ने 11 नवंबर को आत्महत्या कर ली थी। इससे 15 दिन पहले 27 अक्टूबर को पंचायत समिति केकड़ी, अजमेर के ग्राम विकास अधिकारी प्रवीण कुमार कुमावत ने भी आत्महत्या की थी।
ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष जोगेश टेलर ने बताया कि पंचायती राज में निजी हित साधने के लिए फील्ड कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसी प्रताड़ना के कारण 2023 बैच के दो नवचयनित युवा ग्राम विकास अधिकारियों ने यह कदम उठाया है।
संगठन ने संकल्प लिया है कि जब तक दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होगी, तब तक आंदोलनात्मक गतिविधियां जारी रहेंगी। शंकरलाल मीणा की आत्महत्या का मुख्य कारण इरडिया ग्राम पंचायत के कुछ असामाजिक तत्व और पंचायत समिति प्रशासन को बताया गया है।इस संबंध में पुलिस थाना पडनेर, भीलवाड़ा में मुकदमा दर्ज कराया गया है, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई शुरू नहीं की है। जिला मंत्री लक्ष्मीलाल जीनगर ने बताया कि सिरोही जिला परिषद कार्यालय पर भी जिलेभर के ग्राम विकास अधिकारियों ने काले कपड़े पहनकर अन्याय के विरुद्ध संघर्ष का निर्णय लिया है।
इस मौके ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिला उपाध्यक्ष सुरेश पुरोहित, जिला उपाध्यक्ष हनुमत सिंह, प्रदेश प्रतिनिधि ललित मीणा, संगठन आईटी मंत्री रंजीत मीणा, कोषाध्यक्ष चंदूलाल प्रजापत, सिरोही ब्लॉक अध्यक्ष नारायण लाल राणा, पिंडवाड़ा ब्लॉक अध्यक्ष दलपत लोहार, रेवदर ब्लॉक अध्यक्ष महेंद्र खंडेलवाल, शिवगंज ब्लॉक अध्यक्ष पूरण सिंह, आबूरोड ब्लॉक अध्यक्ष आर्यन भारद्वाज, सिरोही ब्लॉक मंत्री वीसाराम सुथार, रमेश प्रजापत, नेनाराम लोहार, सुधीर कुमार, दुर्गेश कुमार, श्रवण बिश्नोई, भरत देवासी, उमेश सिंह, प्रकाश परिहार, विक्रम, शिला, संजू, कविता शर्मा समेत जिले के समस्त ग्राम विकास अधिकारी मौजूद थे।
रैली निकाल इन मांगों का सौंपा ज्ञापन
– शंकरलाल मीणा ग्राम विकास अधिकारी शाहपुरा भीलवाड़ा एवं प्रवीण कुमार कुमावत ग्राम विकास अधिकारी केकड़ी अजमेर की आत्महत्या की घटना की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।इस घटना के दोषी अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं अन्य लोगों के विरुद्ध पुलिस थाना शाहपुरा भीलवाड़ा एवं केकड़ी अजमेर में दर्ज मुकद्दमे की शीघ्र जांच करवाकर अगले 7 दिन में अपराधियों के विरुद्ध सख्त कानूनी एवं प्रशासनिक कार्यवाही की जाएं।
– दिवंगत ग्राम विकास अधिकारियों के परिजनों को 30 दिन में अनुकंपा नियुक्ति दी जाएं।
-राज्य सरकार के स्थानांतरण पर प्रतिबंध के बावजूद कार्य व्यवस्था के नाम पर पंचायत समिति एवं जिला परिषद स्तरीय अधिकारियों द्वारा ग्राम विकास अधिकारियों के मनमाने स्थानांतरण कर प्रताड़ना दी जा रही है, ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध सख्त प्रशासनिक कार्यवाही की जाएं।
– भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए
प्रत्येक ब्लॉक पर पंचायत समिति स्तरीय अधिकारियों एवं समस्त ग्राम विकास अधिकारियों की प्रतिमाह प्रकोष्ठ बैठकें आयोजित करने के पुनः स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।
