PALI SIROHI ONLINE
पाली। सादड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की भारी कमी से बढ़ती मौतें:
नेता प्रतिपक्ष राकेश मेवाड़ा ने चेताया—7 दिन में डॉक्टर नहीं लगाए तो करेंगे आमरण अनशन
सादड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों की भारी कमी अब जानलेवा साबित हो रही है। आए दिन हो रहीं मौतों ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है। वर्ष 1961 में बनी जिले की सबसे पुरानी नगर पालिका सादड़ी के आसपास करीब 40 गांव निर्भर हैं, जिनके तीनों ओर घाट सेक्शन होने से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी अधिक रहती है। लेकिन अस्पताल में सीमित स्टाफ और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण गंभीर मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता, जिससे कई लोगों की जान चली जाती है।
कोरोना महामारी के दौरान सादड़ी सीएचसी ने फालना, बाली और आसपास के सौ से अधिक गांवों के मरीजों का इलाज कर यह साबित किया था कि यह अस्पताल क्षेत्र की सबसे बड़ी स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है।
बावजूद इसके, आज दो साल से प्रदेश में सरकार होने के बाद भी यहां डॉक्टरों की कमी दूर नहीं हुई है। करंट, सांप के काटने, डेंगू, हृदयाघात और “साइलेंट अटैक” के मामलों में समय पर उचित चिकित्सा न मिलने से कई युवा जान गंवा रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष राकेश रेखराज मेवाड़ा ने बताया कि उन्होंने कई बार सरकार और प्रशासन के समक्ष डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग उठाई, परंतु कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। मेवाड़ा ने कहा—
“आज मैं अंतिम बार मांग कर रहा हूं कि सादड़ी अस्पताल में तुरंत डॉक्टर नियुक्त किए जाएं। यदि सात दिनों में कार्रवाई नहीं होती है तो मैं सरकारी अस्पताल के बाहर बिना जनता को असुविधा दिए आमरण अनशन शुरू करूंगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।”
डॉक्टरों की कमी के कारण अभी तक कई युवा अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें जितेंद्र कंसारा, दो सगे भाई—बाबू चौधरी और मनीष चौधरी, तथा परेश जैन के मामले प्रमुख हैं। इन दुखद घटनाओं के बाद भी प्रशासन की चुप्पी ने लोगों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि समय पर डॉक्टर उपलब्ध होते तो कई जीवन बचाए जा सकते थे। आज सादड़ी की जनता एक ही आवाज़ में अपनी मांग उठा रही है—
“सादड़ी अस्पताल में तुरंत डॉक्टर लगाए जाएं, ताकि भविष्य में कोई परिवार अपने जवान बेटों को यूं खोने को मजबूर न हो।”
इधर, सावन-भादवा माह के दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा परशुराम महादेव की यात्रा पर आते हैं। साथ ही विश्वविख्यात रणकपुर जैन मंदिर में भी देश-विदेश से पर्यटकों का निरंतर आगमन होता है। इतना धार्मिक और पर्यटन महत्व होने के बावजूद क्षेत्र की स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जो प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।
स्थानीय लोगों का स्पष्ट कहना है कि सादड़ी को तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर, आवश्यक उपकरण और पूर्ण चिकित्सा स्टाफ उपलब्ध कराया जाए, अन्यथा स्थिति और भयावह हो सकती है।

