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जयपुर-राजसमंद लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुदर्शन सिंह रावत ने टिकट लौटा दिया है। रावत ने हाईकमान को चिट्ठी लिखकर राजसमंद से चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है।
सुदर्शन सिंह रावत ने मीडिया से फोन पर बातचीत में कहा- मैं राजसमंद से चुनाव नहीं लडूंगा। मैंने एक महीने पहले ही मना कर दिया था। मैंने हाईकमान से भी आग्रह कर दिया था। मैं साफ कहने में विश्वास करता हूं। मैं व्यक्तिगत कारणों से चुनाव नहीं लडूंगा।
25 मार्च को दिया टिकट, दो दिन में ही लौटाया सुदर्शन सिंह रावत को 25 मार्च को ही उम्मीदवार घोषित किया था, दो दिन बाद ही उन्होंने टिकट लौटा दिया। अब राजसमंद में कांग्रेस का टिकट बदलना लगभग तय हो गया है। राजस्थान में दूसरे चरण में 26 अप्रैल को चुनाव होना है। कांग्रेस इससे पहले जयपुर शहर से टिकट बदल चुकी है। जयपुर में सुनील शर्मा की जगह प्रताप सिंह खाचरियावास को उम्मीदवार बनाया।
डोटासरा को चिट्ठी में लिखा- बिना सहमति के उम्मीदवार बनाया
सुदर्शन सिंह रावत ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को चिट्ठी लिखकर बिना सहमति उम्मीदवार बनाने पर नाराजगी जताई। रावत ने 2018 में कांग्रेस टिकट पर भीम से चुनाव जीतने और विधायक रहते हुए किए गए कामों का जिक्र किया है।
रावत ने लिखा- पिछले एक महीने में लोकसभा चुनाव की रायशुमारी और चर्चा के दौरान मैंने कई बार प्रदेश के सभी शीर्ष नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई। यह मेरी व्यक्तिगत राय थी कि ऐतिहासिक विकास कामों के बावजूद पिछले विधानसभा चुनाव की हार के चार महीने बाद ही मेरा लोकसभा लड़ने का नैतिक अधिकार नहीं है और यह तर्कसंगत भी नहीं कि मैं लोकसभा चुनाव लडूं। न मेरी इसको लेकर कोई रणनीतिक तैयारी थी।
मेवाड़ के बड़े नेता ने पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखा रावत ने आगे लिखा- मेरे व्यापार के सिलसिले में अगले दो महीने तक विदेश दौरे पर रहने का कार्यक्रम था। मैंने किसी युवा को उम्मीदवार बनाने का सुझाव दिया था। लेकिन, मेवाड़ के एक शीर्ष नेता ने पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखा। मेरे अगले दो माह विदेश दौरे पर होने और बार-बार असहमति जताने के बावजूद मेरा नाम प्रस्तावित किया गया, जो कि उचित नहीं है।
मेरी जगह किसी योग्य नेता को उम्मीदवार बनाएं
उन्होंने लिखा- 25 मार्च की शाम को मुझे सोशल मीडिया से उम्मीदवार घोषित होने की खबर मिली, जो कि मेरे लिए आश्चर्य का विषय थी। मेरा फिर कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध है कि मेरी जगह किसी योग्य और इच्छुक उम्मीदवार को मौका दिया जाए। मेरे इस कदम से मेरे समर्थकों, शुभचिंतकों और पार्टी नेतृत्व की भावना को ठेस पहुंची होगी, जिसके लिए माफी चाहता हूं।
टिकट घोषित होने के बाद रावत ने कोई रिएक्शन तक नहीं दिया था
25 मार्च को राजसमंद से टिकट घोषित होने के बाद सुदर्शन सिंह रावत ने सोशल मीडिया पर हाईकमान को धन्यवाद देने तक की औपचारिकता पूरी नहीं की थी। टिकट मिलने के बाद उन्होंने कोई रिएक्शन नहीं दिया था। रावत बाहर गए हुए थे। आज लौटते ही उन्होंने चिट्ठी लिखकर टिकट वापस करने का फैसला सुना दिया।
बीजेपी ने मेवाड़ राजघराने से टिकट दिया, सियासी समीकरण देखकर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला
बीजेपी ने राजसमंद सीट से महिमा सिंह को टिकट दिया है। महिमा सिंह नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ की पत्नी हैं। बीजेपी ने यहां पर एक ही परिवार से दो टिकट नहीं देने का नियम तोड़कर टिकट दिया। चुनावी रणनीतिकारों के मुताबिक, राजसमंद सीट पर एक बड़ा वोट बैंक उदयुपर के पूर्व राजपरिवार का सम्मान करता है। सियासी रूप से यह बड़ा मुद्दा है। रावत के उम्मीदवारी वापस लेने के पीछे इस सियासी सच्चाई को भी एक कारण माना जा रहा है। रावत ने टिकट के लिए दावेदारी भी पेश नहीं की थी।
राजसमंद में दूसरे फेज में 26 अप्रैल को वोटिंग, कल से नामांकन शुरू
राजसमंद सीट पर दूसरे फेज में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। इस सीट पर 28 मार्च से नामांकन शुरू होंगे। 4 अप्रैल तक नामांकन हो सकेंगे। ऐसे में कांग्रेस के पास दूसरा उम्मीदवार तय करने के लिए समय मिल जाएगा।
कांग्रेस को अब नए उम्मीदवार की तलाश
राजसमंद सीट पर अब कांग्रेस को नया उम्मीदवार तलाशना
होगा। यहां से अब दूसरे दावेदारों पर विचार किया जा सकता है। इस सीट पर कार्तिक चौधरी और पूर्व विधायक रामचंद्र जारोड़ा दावेदारी कर रहे थे, दोनों अब भी दावेदार हैं। कार्तिक चौधरी ने टिकट नहीं मिलने पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करके नाराजगी भी जाहिर की थी। कांग्रेस के रणनीतिकार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को मनाने के लिए जुटे हैं, लेकिन वे तैयार चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं।
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