PALI SIROHI ONLINE
पाली-एक 70 साल की महिला अपनी 3 साल की दोहिती के साथ गलत ट्रेन में बैठ जाती है। जिससे घर से सैकड़ों KM दूर पाली पहुंच जाती है। प्लेटफॉर्म पर वृद्धा को घबराया हुआ देख लोग पुलिस को कॉल करते है। पुलिस उसे सखी सेंटर लाती है। लेकिन वृद्धा की न भाषा समझ में आ रही थी न ही उसके पास कोई मोबाइल नंबर था। वृद्धा के पास मिले आधार कार्ड के जरिए उसके रिश्तेदार का नंबर मिला तो उन्हें वृद्धा के पाली होने की जानकारी दी। परिजन शनिवार को पाली पहुंचे और सकुशल वृद्धा और उसकी दोहिती को वापस गांव ले गए। उन्होंने पाली पुलिस और सखी सेंटर के प्रभारी को थैंक्स कहा
दरअसल हुआ यूं कि 70 साल की वृद्धा एक 3 साल की बच्ची के साथ 30 अक्टूबर को पाली रेलवे स्टेशन पर इधर-उधर भटक रही थी। वह बहुत घबराई हुई लगी तो कुछ यात्रियों ने उससे बात की लेकिन भाषा अलग होने से उन्हें उसकी बातें समझ नहीं आ रही थी। ऐसे में औद्योगिक नगर थाने में कॉल किया। जहा से आए ASI ओमप्रकाश जोशी उसे पाली के बांगड़ हॉस्पिटल परिसर में बने सखी सेंटर ले गए।
आधार कार्ड बना पहचान का आधार
सखी सेंटर प्रभारी देवी बामणिया ने सेंटर सखी सेंटर और फिर छत्तीसगढ़ सखी सेंटर में कॉल कर सारी बात बताई लेकिन वृद्धा कौनसे गांव की है और उसके परिजनों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। ऐसे में उन्हें वृद्धा के पास उसकी दोहिती का आधार कार्ड मिला। जिसे ऑनलाइन खंगालने पर उसमें एक मोबाइल नंबर मिला। उस पर कॉल कर पूरी जानकारी दी।
धन्यवाद देकर ले गए वृद्धा को
वृद्धा के रिश्तेदारों जब पता चला कि वृद्धा और दोहिती राजस्थान के पाली में है। तो वे वहां से रवाना हुए और 1 नवंबर को पाली सखी सेंटर पहुंचे। यहां पाली पुलिस और सखी सेंटर प्रबंधन का धन्यवाद देते हुए दोनों को सकुशल वापस अपने गांव ले गए।
