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पाली।अप्रैल माह में शुक्रवार को इस सीजन का आखिर सावा रहा, जिससे जिले में शादियों की जगह-जगह धूम रही। इसी महीने 30 अप्रैल को शुक्र अस्त हो जाएंगे, इस कारण सावों पर एक बार फिर से ब्रेक लग जाएगा। दैत्य गुरु शुक्र तारा 30 अप्रैल को मध्य रात्रि 3 बजकर 30 मिनट पर अस्त होगा। इससे पूर्व 27 अप्रैल को रात्रि में वृदत्व दोष प्रारंभ हो जाएगा।
वैसे तो शुक्र 7 जुलाई को उदय होंगे, उससे पूर्व ही 9 मई को ही गुरु अस्त हो जाएंगे और 3 जून तक अस्त रहेंगे। शुक्र अस्त के मध्य 10 मई अक्षय तृतीया, 16 मई जानकी नवमीं, 23 मई पीपल पूर्णिमा, 16 जून गंगा दशमी को अबूझ सावे रहेंगे। 7 जुलाई को शुक्र के उदय होने के बाद ही 10 जुलाई को शुक्र का बाल्यत्व दोष समाप्त होगा। उसके बाद ही फिर से शहनाइयां गूजने लगेगी। परंतु इसके बाद दो ही अबूझ सावे रहेंगे जो 15 जुलाई को (रेखीय सावा) भडल्या नवमीं और 17 जुलाई देवशयनी एकादशी को है।
शुक्र और गुरु दोनों होंगे अस्त: 30 अप्रैल को रात 3.30 बजे से शुक्र अस्त हो जाएगा। 7 जुलाई को रात 9.05 बजे शुक्र उदय होगा। शुक्र अस्त से तीन दिन पहले और शुक्र उदय के तीन दिन बाद तक वृद्धत्व व बालत्व दोष माना जाता है। इससे इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा। वहीं, गुरु 9 मई सुबह 7.15 बजे से अस्त होंगे। 3 जून को दोपहर 3 बजे गुरु उदय होंगे। इस दौरान धार्मिक आयोजन जैसे कथा, रामायण पाठ, दोष निवारण हो सकेंगे।
चार माह देव सो जाएंगे चार माह (यानी 11 नवंबर तक ) देवशयन रहने की वजह से मांगलिक कार्यों पर फिर ब्रेक लग जाएगा। वहीं, 12 नवंबर से देवउठनी एकादशी अबूझ सावे से पुनः विवाह समारोह के साथ-साथ सभी मांगलिक कार्यों का शुभारंभ हो जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में शादियां होंगी। नींव मुहूर्त, गृह प्रवेश, मुंडन सहित अन्य मांगलिक कार्य भी किए जा सकेंगे। अस्त होने के कारण इस बार मई और जून में सावे नहीं है। उदय व अस्त होने के बाद 3 दिन तक बाल्यत्व दोष के कारण सावे नहीं होते हैं।