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पाली-पाली शहर के निकट सदर थाना क्षेत्र के भालेलाव में पानी देवी (55) और उनकी बेटी कविता (30) की हत्या कर शव खेत पर बने मकान के पास गाड दिए। नींव खोदने के नाम पर खेत पर चार जगह गड्ढे खुदवाने एवं तीन बंद करवा देने के साथ बड़े बेटे रमेश के बयान में छोटे भाई सुरेश पुत्र पेमाराम पर हत्या का शक जा रहा है।
गुरुवार को पुलिस ने दोनों शव निकलवाकर मेडिकल बोर्ड से पीएम करवाया। मां-बेटी के सिर पर कुल्हाड़ी जैसे धारदार हथियार से चोट के निशान और घटनास्थल पर मकान में खून बिखरा मिला। छोटा बेटा होली के दूसरे दिन 25 मार्च से गायब है। पुलिस ने सुरेश की तलाश संभावित ठिकानों पर टीमें भेजी हैं।
बड़े बेटे रमेश ने बताया कि सुरेश नशे के लिए मां-बहन से झगड़ा कर रुपए व गहने मांगता था। जमीन बेचने का दबाव बनाता था। 22 मार्च को मां से बात नहीं हुई। 23 को बात करने की कोशिश की, मगर फोन बंद आया। छोटे भाई सुरेश को फोन किया, उसने जवाब नहीं दिया। 25 मार्च को गांव से सुरेश ने फोन कर कहा मां-बहन घर पर नहीं है। इस पर उसे संदेह हुआ। वह बस से 26 मार्च को गांव पहुंचा और मां-बहन की तलाश में रिश्तेदारों के यहां गया।
27 मार्च को सदर पुलिस को सूचना दी। 28 मार्च सुबह दोनों बुआ को लेकर पहुंचा और मकान का दरवाजा तुड़वाया तो अंदर खून बिखरा था। खेत पर चार जगह जेसीबी से गड्ढे खुदे मिले। उनमें मिट्टी भर दी गई थी। संदेह होने पर मकान के बाहर जेसीबी से खुदाई कराई तो मां-बेटी के शव मिल गए। पानी देवी कविता एक ही गड्ढे से निकाले मां-बेटी के शव।
तीनों भाई- बहन का बिखर चुका दांपत्य जीवन पानी देवी के पति पेमाराम सीरवी की पहले ही मौत हो चुकी है। वह छोटे सुरेश के साथ गांव से तीन किलोमीटर दूर खेत में मकान बना रहने लगी थी। इकलौती बेटी कविता और छोटे बेटे सुरेश की आटे-साटे में शादी की। कविता पति व बच्चों को छोड़ आ गई थी। इससे सुरेश की पत्नी भी उसे छोड़ गई।
सुरेश ने गुजरात की युवती से शादी की, मगर वह भी छोड़ गई। बड़े बेटे रमेश की पत्नी भी उसे छोड़ गई। उसने यूपी की युवती से शादी की, वह भी रमेश को छोड़ गई। इस पर वह अहमदाबाद में मजदूरी करने चला गया। मां के पास रहने वाला सुरेश शराब, गांजे व अन्य मादक पदार्थ का नशा करता है।
मां व बहन से झगड़ता था। पूर्व में पुलिस ने उसे पाबंद कराया था। पुलिस ने गुरुवार देर शाम मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करा रमेश को सौंपे। पुलिस ने हिन्दू सेवा मंडल की मदद से मृतका के बड़े बेटे रमेश सीरवी की मौजूदगी में दोनों शव का अंतिम संस्कार करवाए। सुरेश सीरवी
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