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पाली-सिंधी कॉलोनी सत्यनारायण मार्ग पर स्थित सीरवी समाज की आराध्य देवी आईमाताजी मंदिर (बडेर) का 34 साल बाद जीर्णोद्धार किया जाएगा। मंदिर का प्रवेश स्थल मकराणा पत्थर से बनाया जाएगा। जीर्णोद्धार के लिए भूमिपूजन बुधवार को किया गया। सीरवी समाज परगना समिति के उपाध्यक्ष पुनाराम राठौड़ ने बताया कि पाली में आईमाताजी के दस मंदिर समाजबंधुओं द्वारा बनाए गए हैं जिसमें से दूसरे नंबर पर है यह मंदिर।
शुरुआत में एक मकान में ही माताजी की प्रतिमा स्थापित करके प्रतिष्ठा की गई थी। बाहर से देखने पर मंदिर सा आभास नहीं होता है, इसको देखते हुए समाजबंधुओं ने जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है। बुधवार को ब्रह्म मुहूर्त में पंडित नितलेश दवे के सान्निध्य में मुख्य यजमान खीवराज हाम्बर, अमराराम राठौड़, इंद्रकुमार सोलंकी, ढलाराम परमार, मोहन भायल ने भूमि पूजन किया। इस दौरान मंगलाराम चौधरी, धर्मेंद्र सोलंकी, पुनाराम राठौड़, रामलाल सोलंकी, भीमराज पंवार मौजूद रहे।
हर में 10 मंदिर, सबसे पुराना मंदिर सूरजपोल पर : सीरवी समाज परगना समिति के उपाध्यक्ष पुनाराम राठौड़ ने बताया कि सीरवी समाजबंधु जहां भी रहते हैं वहां पर आई माताजी की वडेर (मंदिर) जरूर बनाते हैं। पाली शहर में 10 मंदिर हैं। सबसे पुराना मंदिर 1975 में सूरजपोल पर प्रतिष्ठित किया गया था। इसके बाद 1990 में सत्यनारायण मार्ग पर ये मंदिर बना। इसके पश्चात मोहल्लेवार समाजबंधुओं ने जनता कॉलोनी, महात्मा गांधी कॉलोनी, बापू नगर, इंदिरा कॉलोनी, महालक्ष्मी गार्डन, राजेंद्र नगर, निंबाडा रोड़ प्रताप सर्कल व पंचम नगर में भी मंदिर बनवाए।