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खीमाराम मेवाडा तखतगढ
पाली-पाली में शुक्रवार सुबह एक तेज रफ्तार कार सड़क पर खड़े ट्रक से जा टकराई। हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और 3 घायल हो गए। हादसा इतना भीषण था कि कार के परखच्चे उड़ गए।
सुमेरपुर सदर थाने के SHO भगाराम ने बताया कि हादसा सुबह करीब सवा 3 बजे सुमेरपुर के सदर थाना क्षेत्र में ब्यावर-पिंडवाड़ा हाईवे पर जाखा नगर बाइपास पर हुआ। भगाराम के मुताबिक संभवतः नींद की झपकी आने से ड्राइवर कार से संतुलन खो बैठा और कार सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा टकराई।
3 घायलों का इलाज जारी
इस हादसे में पाली जिले के डायलाना कलां गांव (खिंवाड़ा) निवासी सुरेश रावल (49) पुत्र सोहनलाल रावल, सीता (45) पत्नी सुरेश रावल, प्रहलाद (14) पुत्र सुरेश रावल और विष्णु (14) पुत्र उत्तम रावल की मौत हो गई।
वहीं, अनिता (38) पत्नी प्रवीण रावल, दिया (18) पुत्री प्रवीण रावल, हर्षिता (18) पुत्री सुरेश रावल निवासी डायलाना कलां घायल हो गए। जिनका इलाज चल रहा है।
मुंबई से पाली आते समय हादसा
सुमेरपुरा SHO भगाराम मीणा ने बताया कि हादसा सुबह करीब सवा 3 बजे हादसा हुआ। कार में 7 लोग सवार थे, जिनमें से 4 की मौत हो गई और 3 घायल हैं। सभी कार सवार मुंबई से पाली जिले के खिंवाड़ा थाना इलाके के डायलाना कला गांव आ रहे थे। इस दौरान सड़क किनारे ढाबे पर खड़े ट्रक में तेज रफ्तार कार पीछे से घुस गई।
मुंबई में मेडिकल का बिजनेस
मृतक सुरेश रावल मूल रूप से पाली जिले के खिंवाड़ा थाना क्षेत्र डायलाना कलां गांव निवासी है। मुंबई के थाना क्षेत्र में इनकी मेडिकल शॉप है। मृतक सुरेश के पिता सोहनलाल रावल समाज के अध्यक्ष हैं और पाली जिले के रानी तहसील स्थित रमणिया गांव के महादेव मंदिर के वार्षिकोत्सव का मुख्य कार्यक्रम 2 मई को है।
ऐसे में सोहनलाल अपनी पत्नी के साथ 2 दिन पहले ही गांव आ गए थे। सुरेश रावल और उनके परिवार गुरुवार को मुंबई से डायलाना कलां गांव के लिए निकले ताकि वे भी इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सके
पालनपुर में खाया खाना
मृतक के परिजनों ने बताया कि सुरेश रावल और उनका परिवार पालनपुर के निकट एक होटल पर रुके। वहां सभी ने खाना खाया। कुछ देर रुकने के बाद आगे के सफर के लिए रवाना हुए। संभवतः खाना खाने के बाद नींद की झपकी आने से यह हादसा हुआ।
माता-पिता बेहाल, बोले-हम बूढ़ों को उठा लेते
इस हादसे में सुरेश, उनकी पत्नी सीता और 14 साल के बेटे सहित एक अन्य बालक की मौत हो गई। जवान बेटे-बहू और पोते की मौत की खबर जब वृद्ध सोहनलाल रावल और उनकी पत्नी तक पहुंची तो उनका रो-रो कर बुरा हाल हो गया। वे सुमेरपुर के लिए शुक्रवार सुबह रवाना हुए, जहां अपने बच्चों के शव देखकर उनकी आंखें भर आईं। उनके मुंह से एक ही शब्द निकल रहे थे.. हे भगवान ऐसा क्यों किया, हम बूढ़ों को उठा लेते। हमारे बच्चों के साथ ऐसा कैसे हो गया। रिश्तेदारों ने सोहनलाल और उसकी पत्नी को संभाला और सांत्वना दी।


