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पाली-पाली शहर के वरिष्ठ एडवोकेट सुमेरसिंह राजपुरोहित को 1996 में अफीम तस्करी में झूठा फंसाने के मामले में गुजरात के पालनपुर कोर्ट ने बुधवार को बर्खास्त आईपीएस संजीव भट्ट को दोषी करार दिया। भट्ट को वकील के अपहरण, एनडीपीएस एक्ट, बंधक बनाने जैसे आरोप में दोषी माना है। कोर्ट गुरुवार को उनकी सजा का एलान करेगी। गुजरात सीआईडी ने 5 सितंबर, 2018 को गिरफ्तार किया था। तब से भट्ट जेल में है।
गुजरात के बर्खास्त आईपीएस संजीव भट्ट मामले में वर्धमान मार्केट में एक दुकान विवाद का कारण थी। हाईकोर्ट जज आरआर जैन के कहने पर तत्कालीन एसपी संजीव भट्ट, एएसपी आईबी व्यास, पीआई याग्निक, होटल मालिक शांतिलाल, वेटर प्रवीण कुमार ने साजिश को अंजाम दिया। गुजरात सरकार ने मामले को सीआईडी के डीआईजी स्तर के अधिकारी से जांच कराने के आदेश दिए। जांच डीआईजी आशीष कुमार को सौंपी। इसमें पूर्व आईपीएस भट्ट, उनके साथी रहे एएसपी व्यास को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। 6 अन्य को हिरासत में लिया है।
वकीलों का आंदोलन तब गुजरात व चैन्नई भी पहुंचा
पाली के वकीलों ने 6 महीने आंदोलन चलाया। दो बार राजस्थान के वकीलों ने काम का बहिष्कार कर समर्थन दिया (एक बार गुजरात व चैत्रई में भी। शिकायत के बाद आरआर जैन का ट्रांसफर चैन्नई कर दिया था। पाली में दर्ज मामले में फुटरमल को दोषी माना। वह 3 साल तक जेल में रहा।
जांच में हुआ था खुलासा, जज-एसपी में हुई थी 60 बार बातचीत
हाईकोर्ट जज आरआर जैन व एसपी संजीव भट्ट के बीच दुकान खाली कराने से लेकर सुमेरसिंह की गिरफ्तारी के बाद जमानत होने तक 60 से अधिक बार बेसिक फोन पर बात हुई। जांच में रिकॉर्ड जुटाया। यह रिकॉर्ड पुलिस दस्तावेजों में दर्ज किया। दूरसंचार विभाग से यह दस्तावेज जुटाए थे।
गश्ती दल ने रोका था गुजरात पुलिस को वकील को ले जाते वक्त रात्रि गश्त कर रहे पाली के एएसआई गोमाराम ने गुजरात पुलिस को रोका था। वे गुजरात के पुलिस दल को कोतवाली लेकर आए थे। तत्कालीन सीआई राकेशपुरी ने इसे नियम विरुद्ध बताया। बाद में भट्ट ने फोन कर सुमेरसिंह को गुजरात पुलिस के साथ भेजने को कहा था।
यह है मामला पाली के वर्द्धमान मार्केट में एडवोकेट सुमेरसिंह के भाई नरसिंह राजपुरोहित ने अमरी बाई की दुकान किराए पर ली थी। बाद में सुमेरसिंह ने ऑफिस खोला। 25 अप्रैल 1996 को बीजापुर में एक शादी के दौरान अमरीबाई ने भाई गुजरात हाईकोर्ट जज आरआर जैन से दुकान खाली करवाने मदद मांगी। जैन ने बनासकांठा के तत्कालीन एसपी संजीव भट्ट से दुकान खाली करवाने को कहा। 30 अप्रैल को भट्ट ने पालनपुर की होटल लाजवंती में एक कमरा सुमेरसिंह के नाम से बुक करवाया। एंट्री बताई और होटल कर्मचारियों से तस्दीक करवाई। 30 अप्रैल को कंट्रोल रूम में मैसेज करवाया एक होटल में तस्करी की 5 किलो अफीम है। पुलिस ने छापा मार 1 किलो अफीम की बरामदगी दिखाई। एएसपी आईबी व्यास ने मामला दर्ज करवाया। 2 मई की रात गुजरात पुलिस पाली पहुंची। एडवोकेट सुमेरसिंह को बापूनगर स्थित आवास से उठाया। 3 मई को गिरफ्तार बता रिमांड लेने के बाद जेल भेजा। 8 मई को जमानत पर छूटे, पाली पहुंच शिकायत की। कार्रवाई नहीं हुई तो 17 अक्टूबर को कोर्ट में शिकायत दी। 18 नवंबर को पाली कोतवाली में मामला दर्ज हुआ और जांच सीआईडी सीबी को सौंपी। 8 दिसंबर को दुकान के मालिक फुटरमल को गिरफ्तार किया। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।
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