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पाली। जिले के नाना ग्राम में कन्हैयालाल जिंदा है… अधजले शव की गुत्थी जल्द खोल सकती है पुलिस….. आज चिकित्सालय में अपराधी कम बेबस नजर आया कन्हैयालाल,…
नाना। नाणा गांव में 22 अकटुम्बर 2024 को नाना सेंदला नदी किनारे मिले अधजले शव मिलने की गुत्थी सभवतया 16 दिन बाद नाना पुलिस थाना अधिकारी रतन सिंह देवड़ा, ने पाली जिला पुलिस अधीक्षक चुन्नाराम जाट , बाली अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चेन सिंह महेचा, ओर सुमेरपूर पुलिस डीएसपी जितेंद सिंह के नेतृत्व में करीब-करीब गुत्थी सुलझा ली। शव मिला उस दिन संदेह जताया जा रहा था कि शव कन्हैयालाल प्रजापत का है, क्योंकि बाइक और जूते घटनास्थल पर कन्हैयालाल के मिले थे। उसके भाई ने भी यही दावा किया, जिससे हत्या कर शव जलाने की अटकलें थीं। पर पुलिस को मामला कुछ और ही नजर आया।
खबर लिखे जाने तक पुलिस ने कन्हैयालाल जिन्दा की पुस्टि नही की है पर हमें आज कन्हैयालाल नाना चिकित्सालय में जांच करवाता नजर आया इस दौरान पुलिस भी मौजूद थी।
पुलिस ने जांच में क्या पाया इसकी जानकारी पुलिस जांच में ही हो पायेगा, परन्तु कन्हैयालाल जिंदा है इसकी पुस्टि हो गई है। क्यो की कन्हैया नाना चिकित्सालय में जांच करवाते देखा गया।
हमे कर्ज से परेशान कन्हैयालाल अपराधी कम बेबश ज्यादा नजर आया,
प्रथम दर्शया ऐसा सामने आया कि कन्हैयालाल ने अपनी मौत का – नाटक रचते हुए किसी और का – शव जलाया। सम्भवतया कर्ज से परेशान कन्हैयालाल ने अपने नाम पर बीमा करवा रखे हैं। डेढ़ साल पहले पत्नी उसे छोड़कर चली गई, तभी से परेशान था। शायद इसी वजह से उसने खुद की मौत का नाटक रच क्लेम लेने की नीयत से शव जलाया हो, जिसका खुलाशा पुलिस जांच में होगा।
कन्हैयालाल की 3 साल पहले शादी हुई, बेटी होने के 6 महीने बाद पत्नी छोड़ गई, कर्ज भी था, तभी से तनाव में था
https://youtu.be/WTjSk87THbE//
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कन्हैयालाल की कहानी अपराध की नहीं, बल्कि बेबसी की है। 3 साल पहले उसकी शादी हुई। साल भर बाद बेटी श्रुति का जन्म हुआ। उसकी खुशहाल जिंदगी तब बिखर गई जब पत्नी उसे और 6 महीने की बच्ची को छोड़कर चली गई। उसने पत्नी को मनाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें बेकार रहीं। अकेले बच्ची की परवरिश कर रहा था। अहमदाबाद के होटल में काम करता था और कर्ज में डूबा था। कन्हैयालाल ने बीमा पॉलिसी करवा रखी थी कि शायद यह सोचकर कि भविष्य में कुछ अच्छा होगा। जैसे-जैसे कर्ज देने वाले उसके दरवाजे खटखटाने लगे, दबाव बढ़ता गया। यही दबाव उसे उस हद तक ले गया, जहां से वापस आना मुमकिन नहीं था। इस लिए शक है कि इसलिए कन्हैयालाल ने अपने आप को मरा हुआ साबित करने की साजिश रची होगी, कि कुछ सालों बाद जब सब कुछ शांत हो जाए, वह वापस आ सके उसे लगा कि उसके गायब होने से उसके परिवार को बीमा क्लेम मिन जाएगा, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो सकेगा। परन्तु वह साजिश योजना में सफल ना हो सकता
दफन 2 शवों में से किसे जलाया, खुलासा जल्द कर सकती है पुलिस
शुरुआती जांच में पता चला कि नाणा गांव में सवा महीने पहले 13 सितंबर 2024 को प्रवीण कुमार और मदनलाल प्रजापत नामक दो व्यक्तियों की मौत हुई थी, जिन्हें दफनाया गया था। कन्हैयालाल ने उन्हीं में से किसी एक शव निकालकर जलाया, ताकि उसकी खुद की मौत साबित की जा सके। पुलिस यह जांच कर रही है कि उसने किसका शव निकालकर जलाया है। वो कन्हैयालाल से पुलिस पूछताछ में ही सच्चाई सामने आ सकेगी।
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