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जालोर-जालोर जिला कलेक्ट्रेट के सामने किसानों का महापड़ाव चल रहा है। भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर चल रहे महापड़ाव का शुक्रवार को चौथा दिन है। किसानों ने जवाई बांध के पानी पर जालोर का एक तिहाई हिस्सा तय करने की मांग की है। इसे लेकर दोपहर 2 बजे से महापड़ाव स्थल से शहर में रैली भी निकाली गई है।
किसानों ने जयपुर कार्यालय में पटवार मंडलों की अपील के रूप में पेंडिंग पड़ी करीब सवा सौ करोड़ रुपए के फसल बीमा का मुआवजा समय पर देने की मांग की है।
किसान नेता भंवर सिंह ने आज कहा- किसानों का महापड़ाव चल रहा है लेकिन सरकार किसानों की आवाज नहीं सुन रही है। विधानसभा चुनाव में गृह मंत्री अमित शाह ने जवाई नदी को दोबारा जीवित करने का वादा किया था।
इसके बाद किसानों ने जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग को जिता कर विधानसभा में भेजा। अब विधायक से लेकर सीएम-पीएम तक एक ही पार्टी के हैं। लेकिन अब भी किसानों की सुनने के लिए तैयार नहीं हैं। किसानों की दुगुनी आय कैसे होगी, पानी सूख रहा है। आय तो खत्म हो गई है।
भारतीय किसान संघ के प्रांत उपाध्यक्ष सोमाराम ने कहा- जालोर जिले के किसान 31 साल से जवाई बांध के पानी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत 2200 करोड़ के बजट से जवाई बांध का पानी जोधपुर ले जाने की तैयारी में हैं। यह जालोर के किसानों के साथ अन्याय है। जब तक हमें जवाई बांध के पानी का हक नहीं मिलेगा, महापड़ाव जारी रहेगा।