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जालोर। वैसे तो कई लोग अक्सर प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते है, लेकिन जसवंतपुरा तहसीलदार ने अपनी ओर से लोक अदालत में एक विधवा महिला का बैंक ऋण अपनी जेब से चुकाकर मानवता की नई मिशाल पेश की। तहसीलदार की इस मानवीय पहल की सरहाना हो रही है।
जिला एवं सेशन न्यायालय की ओर से रविवार को आयोजित हुई लोक अदालत में दासपां निवासी एक विधवा का 50 हजार का बैंक ऋण काफी समय से बकाया था। इस प्रकरण को लोक अदालत में रखा गया। जसवंतपुरा व भीनमाल कार्यवाहक तहसीलदार नीरज कुमारी ने जब विधवा महिला के बारे में जानकारी ली तो उसकी बेटी ने बताया कि उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है और उसकी माता को कमर दर्द की गंभीर बीमारी होने से कार्य नहीं कर सकती है। ऐसे में आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण ऋण नहीं चुका सकती है।
जानकारी लेने के बाद तहसीलदार नीरज कुमारी ने बैंक कार्मिकों को मामले का निस्तारण करने के लिए कितना भुगतान करना होगा। इस पर बैंक कार्मिकों ने प्रकरण के निस्तारण के लिए 14 हजार की राशि का भुगतान करने की बात कही। इस पर तहसीलदार ने तुरंत अपनी जेब से बैंक को 14 हजार भुगतान कर प्रकरण का निस्तारण कर विधवा महिला व उसके परिवार को बैंक ऋण से मुक्ति दिलाकर संबल दिया।
अर्थिक रूप से कमजोर है परिवार
दासपां निवासी विधवा भमरीदेवी के पति भैराराम लुहार की करीब डेढ साल पहले मृत्यु हो चुकी है। भमरीदेवी भी कमर दर्द की गंभीर बीमारी के कारण चल फिर नहीं सकती है। भमरीदेवी के तीन बेटी व एक बेटा है। तीनों ही नाबालिग है। ऐसे में परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने से बैंक का ऋण नहीं चुका पा रहे थे। बडी बेटी वीना कुमारी ने लोक अदालत में पहुंचकर परिवार की स्थिति के बारे में तहसीलदार को बताया। जिस पर तहसीलदार ने उनकी मदद कर परिवार को बैंक ऋण से मुक्त करवाया।
पहले पुलिस फिर ईओ और अब तहसीलदार
नीरज कुमारी 2016 बैंच की राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी है। आरएएस में चयन से पूर्व ढाई साल ईओ के पद पर कार्यरत रही है। इससे पहले करीब 10 साल पुलिस विभाग में भी सेवा दे चुकी है। नीरज कुमारी के पास वर्तमान में तहसीलदार जसवंतपुरा के साथ तहसीलदार भीनमाल, उपखण्ड अधिकारी भीनमाल व उप पंजीयक भीनमाल का अतिरिक्त चार्ज है।
पढाई के लिए करेगें मदद
विधवा महिला के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से बच्चे पढाई नहीं कर पाए। विधवा महिला को पेंशन मिल रही है। पालनहार के लिए शैक्षणिक योग्यता जरूरी है। वीना कुमारी को पत्राचार के माध्यम से 10वीं करने पर होने वाला खर्च भी वहन करने के लिए कहा है।