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जयपुर-पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री दीया कुमारी की जगह हेल्थ मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींवसर के शामिल होने को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। गहलोत ने सोशल मीडिया पर बयान जारी कर कहा- यह आश्चर्यजनक है कि राजस्थान की वित्त मंत्री ने दिल्ली में होने के बावजूद GST काउंसिल में भाग क्यों नहीं लिया? यह दिखाता है कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
गहलोत ने कहा- यह बेहद दुर्भाग्य की बात है कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री विदेश जाकर वहां के उद्यमियों से राजस्थान में आकर निवेश करने की बात कर रहे हैं। वहीं राजस्थान के मार्बल-ग्रेनाइट उद्यमियों की मांगों को प्रदेश की भाजपा सरकार केंद्र के सामने क्यों नहीं रख रही है। सरकार को ये नहीं भूलना चाहिए कि प्रदेश के उद्यमी हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
मणिपुर का दौरा करें पीएम पूर्व सीएम ने मणिपुर के हालात को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि ऐसा लगता है कि मणिपुर में हो रही हिंसा के बावजूद वहां का दौरा करने को प्रधानमंत्री ने अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया है। वहां राज्यपाल आवास और मुख्यमंत्री के घर जैसे सुरक्षित स्थानों तक पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार का इस ओर कोई विशेष ध्यान नहीं है। मणिपुर में अत्याधुनिक हथियारों और ड्रोन का इस्तेमाल कर आम लोगों पर हमले किए जा रहे हैं।
गहलोत ने कहा- तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने असम में शांति स्थापित करने के लिए राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार तक की कुर्बानी देने में संकोच नहीं रखा, जिसके कारण आज तक वहां शांति का दौर स्थापित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित तमाम विपक्षी दल मणिपुर का दौरा करने की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को मणिपुर में शांति स्थापना के लिए अब आवश्यक कदम उठाने में देरी नहीं करनी चाहिए, मणिपुर का दौरा करना चाहिए।
बीजेपी नेता बोले- गहलोत सीएम और वित्त मंत्री रहते कभी GST काउंसिल की बैठकों में नहीं गए
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुनील भार्गव ने गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया पर बयान जारी किया। सुनील भार्गव ने कहा कि गहलोत सीएम और वित्त मंत्री रहते हुए कभी भी खुद GST काउंसिल की बैठकों में नहीं गए, वे शांति धारीवाल को अपने प्रतिनिधि के तौर पर भेजते थे।
भार्गव ने कहा- मेरा मानना रहा है कि गहलोत बहुत सोच-विचार कर ही बोलते थे। मुझे आश्चर्य हुआ कि वे अब भ्रामक जानकारी का प्रचार कर रहे हैं और जीएसटी परिषद की बैठक से वित्त मंत्री की अनुपस्थिति पर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। बिना यह पुष्टि किए कि वित्त विभाग का काम बंटा हुआ है और जीएसटी से संबंधित मामले सीएम के पास है। इसलिए जीएसटी बैठक में किसी भी मंत्री स्तरीय सहयोगी को नियुक्त करने का सीएम का विशेषाधिकार है।
भार्गव ने कहा- गहलोत बेड रेस्ट पर होने के कारण सारी जानकारी जुटा नहीं पाए हों, लेकिन उनके जैसे नेता को ऐसी दलगत राजनीति से बचना चाहिए। ऐसा लगता है कि उन्हें अपनी बिखरती पार्टी के बजाय बीजेपी की ज्यादा चिंता है।