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जयपुर-जयपुर डिस्कॉम के एक आदेश चर्चा का विषय बन गया है। इस आदेश में अगले आदेशों तक डिस्कॉम एरिया में मौजूद बिजली कनेक्शनों को काटने पर रोक लगा दी है। ज्यादा जरूरत होने पर संबंधित अधिकारी को कनेक्शन काटने के लिए डिस्कॉम एमडी या चेयरमैन से अनुमति लेनी जरूरी होगी। डिस्कॉम कर्मचारियों का कहना है कि संभवतया पहली बार है जब डिस्कॉम ने घोषित रूप इस तरह का आदेश दिया है।
आपको बता दें कि वर्तमान में जयपुर डिस्कॉम के एरिया में 12 जिले आते है, जहां डिस्कॉम बिजली का मैनेजमेंट करता है। इसमें जयपुर, दौसा, कोटा, सवाई माधोपुर, बूंदी, बारां, झालावाड़, भरतपुर, करौली, धौलपुर, अलवर और टोंक जिले का एरिया आता है।
चुनावों में वोटरों को साधने का प्रयास
सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लग चुकी है। ऐसे में वोटर नाराज न हो इसके लिए सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि कोई ऐसा काम नहीं किया जाए, जिससे वोटर प्रभावित हो। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों जिलों से नेताओं ने फीडबैक दिया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कनेक्शन काटने से जनता के बीच अच्छा मैसेज नहीं जा रहा है।
मार्च में कटते है ज्यादा कनेक्शन
बकाया की वसूली करने और टारगेट पूरा करने के लिए मार्च में सबसे ज्यादा बिजली कनेक्शन कटते हैं। क्योंकि अधिकारियों को रेवेन्यू वसूली का लक्ष्य पूरा करना होता है। पूर्वी राजस्थान के एरिया में बिजली चोरी और बिल न जमा करवाने के सबसे ज्यादा मामले आते है। इसे देखते हुए नेताओं ने फीडबैक दिया है कि वोटिंग से पहले कार्रवाई न की जाए तो बेहतर रहेगा।
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