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जयपुर। क्रय-विक्रय सहकारी समितियां खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आवंटित गेहूं लाभार्थियों तक पहुंचाने में विफल साबित हो रही हैं। हर माह आवंटित कोटे का पूरा उठाव न होने के कारण पांच से आठ हजार क्विंटल गेहूं लेप्स हो रहा है। अक्टूबर में भी करीब 6 हजार क्विंटल गेहूं का उठाव 30 सितंबर तक नहीं हुआ, जिससे 1.20 लाख लाभार्थियों का गेहूं बेकार हो गया। खाद्य विभाग के अधिकारी इस बिगड़ती वितरण व्यवस्था पर चुप्पी साधे हुए हैं।
नवंबर के लिए 1.55 लाख क्विंटल गेहूं आवंटित हुआ है, लेकिन 18 दिन बीतने के बाद केवल 8 हजार क्विंटल का उठाव हो पाया है। शेष 1.47 लाख क्विंटल गेहूं के उठाव को लेकर संशय गहरा रहा है। डीलर्स ने आरोप लगाया कि परिवहन ठेकेदार कागजों में कई ट्रक दिखाकर टेंडर लेते हैं, जबकि असल में उनके पास केवल एक-दो ट्रक ही होते हैं।
गायब हुआ गेहूं मिलने के बाद भी उठाव नहीं
सूत्रों के अनुसार, सहकारी समिति ने बिना टेंडर के एक फर्म को गेहूं परिवहन का काम दिया था, जिसने जुलाई से सितंबर के बीच 2 हजार क्विंटल गेहूं गायब कर दिया। जब मामला खुला, तो गायब हुआ गेहूं मिल गया, लेकिन इसके बावजूद डिपो से जिले के लिए आवंटित गेहूं का उठाव सही ढंग से नहीं हो रहा है। जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई न होने से विभागीय अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
लाभार्थियों के हक का गेहूं लेप्स होना चिंता का विषय
लाभार्थियों के हक का हजारों क्विंटल गेहूं लेप्स हो रहा है, तो यह चिंता का विषय है। हम यह जांच कराएंगे कि किस महीने में कितना कम गेहूं उठाया गया। जो भी इस मामले में दोषी होगा, चाहे वह क्रय विक्रय सहकारी समिति हो या गेहूं परिवहन ठेकेदार, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
–सुमित गोदारा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री