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डूंगरपुर-स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल के पास चौराहे पर एक प्राइवेट अस्पताल में छापेमारी की। बिना गायनिक डॉक्टर के यहां महिलाओं की डिलीवरी करवाई जा रही थी। वहीं, मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
सीएमएचओ डॉ अलंकार गुप्ता ने बताया कि शहर के अस्पताल चौराहे के पास ही श्रीराम चिकित्सालय के नाम से चल रहे अस्पताल की लगातार शिकायतें मिल रही थी। इस पर एडिशनल सीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को अचानक निरीक्षण किया गया। टीम को निजी राम अस्पताल में कई अनियमितताएं मिली। साथ ही निजी अस्पताल में मौजूद कार्मिक कोई जवाब नहीं दे सके। नियम विरुद्ध कार्य अस्पताल में किए जा रहे थे।
सीएमएचओ डॉ. अलंकार गुप्ता ने बताया कि निजी राम अस्पताल को सील कर दिया है। राम अस्पताल का पूर्व में रजिस्ट्रेशन किया गया था। परंतु निरीक्षण के दौरान रजिस्टर्ड डॉ. जिगनेश डामोर ओर संचालक देवीलाल हडात मौके पर नहीं मिले। राम अस्पताल का रजिस्टर्ड डॉ. जिगनेश डामोर एमबीबीएसधारी ही हैं। इसलिए राम अस्पताल का रजिस्ट्रेशन पूर्व में सिर्फ डे-केयर (ओपीडी) के लिए ही किया गया था, लेकिन मौके पर अस्पताल में गर्भवती महिला मनीषा ननोमा व प्रसूता भंवरी ननोमा भर्ती पाई गई। अस्पताल द्वारा किसी भी प्रकार से विशेषज्ञ गायनिक डॉक्टर से एमओयू नहीं किया गया था।
अस्पताल में बिना ट्रेंड स्टाफ की ओर से डिलीवरी करवाई जा रही थी। एसीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा ने यह भी बताया कि मौके पर मौजूद एडमिशन फॉर्म में किसी भी गायनिक डॉक्टर व अन्य किसी डॉक्टर के हस्ताक्षर नहीं पाए गए। अस्पताल में भारी अनियमितता देखने को मिली। जिस पर अस्पताल को सील कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। टीम मे एसीएमएचओ डॉ. विपिन मीणा, बीसीएमओ डॉ. जयेश परमार, जिला औषधि नियंत्रण विशाल जैन, एनयूएचएम डीपीएम मनीष शर्मा व डीपीसी डॉ. किशोरलाल वर्मा शामिल थे।