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सिरोही-जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर वेरापुरा गांव के ग्रामीणों को बोरवेल का पानी इस्तेमाल करने से पेट दर्द, दस्त और खुजली की समस्या शुरू हो गई। ग्रामीणों को पिछले दो सप्ताह से माकरोड़ा बांध के बजाय गांव के ही बोरवेल से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके बाद से ये शिकायतें सामने आईं हैं। बचाव के तौर पर अब ग्रामीण 2 किलोमीटर दूर डीटीओ कार्यालय के पास से पानी लेकर भोजन तथा पीने के लिए उपभोग में ले रहे हैं।
जानकारी के अनुसार वेरापूरा गांव में पिछले लंबे समय से माकरोड़ा गांव के पास बांध से पानी का वितरण किया जाता रहा है, दूरी लंबी होने के कारण अक्सर पाइप फूटने के कारण जलदाय विभाग ने गांव में ही श्मशान घाट के पास एक बोरवेल खोदकर पानी की सप्लाई शुरू कर दी है, लेकिन इस पानी के उपयोग से ग्रामीणों को पेट दर्द, दस्त तथा खुजली की शिकायतें होने लगी।
ग्रामीणों ने बताया कि कई दशकों से उनके गांव में माकरोड़ा के पास बांध से पानी की सप्लाई की जाती थी, लेकिन दो सप्ताह पूर्व ही गांव के श्मशान घाट के पास बोरवेल खोदने के बाद उसी से पानी का वितरण किया जा रहा है, जब से पानी का वितरण शुरू हुआ है उसके बाद से ही उन्हें पेट दर्द खुजली दस्त की बीमारी शुरू हो गई है। मजबूरी में उन्हें पीने के लिए पानी उनके गांव वेरापुरा से दो किलोमीटर दूर जिला परिवहन कार्यालय के पास एक कृषि कुएं से लाना पड़ता हैं, पीने का पानी कभी मोटरसाइकिल तो कभी सिर पर तो कभी ट्रैक्टर से लाना पड़ रहा है।
इस मामले में जलदाय विभाग के सहायक अभियंता आरपी मालप से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि उनके पास में भी कल ही शिकायत आई थी। आज अभी इसी समय से बोरवेल का पानी बंद करके पहले की तरह से ही माकरोड़ा बांध से ही पानी का वितरण शुरू कर रहे हैं। अभी दो-तीन दिन अवकाश के बाद पानी की जांच आबूरोड से करवाई जाएगी, उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही दोबारा पानी का वितरण के लिए विचार किया जाएगा।
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